In the case of forcible cutting of the student, the commission recommended 25 thousand damages
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छा़त्र की जबरन टीसी काटने के मामले में आयोग ने की 25 हजार हर्जाने की अनुशंसा

भोपाल, 02 जनवरी (हि.स.)। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने गुना जिले में स्कूल प्रबंधन द्वारा एक छात्र को प्रताड़ित करने तथा जबरन उसकी टीसी काट देने के मामले में 25 हजार रुपये का हर्जाना दिये जाने की अनुशंसा की है। इसके लिए आयोग ने एक माह का समय दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आयोग ने आवेदक नरेन्द्र रघुवंशी के आवेदन पर राज्य शासन को आवेदक के पुत्र निखिल रघुवंशी को 25 हज़ार रुपये क्षतिपूर्ति राशि एक माह में देने की अनुशंसा की है। अनुशंसा में आयोग ने यह भी कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग निजी विद्यालयों द्वारा अभिभावकों की रिक्वेस्ट के बिना एकतरफा कार्यवाही के अधीन किसी भी विद्यार्थी की ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) जारी करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाये जाने के लिये प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे। आयोग के प्रकरण क्र. 7514/गुना/2017 के अनुसार आवेदक नरेन्द्र रघुवंशी ने अपने आवेदन में नील वर्ल्ड स्कूल, गुना के संचालक इकराम खान, स्कूल प्राचार्य एवं स्टाफ द्वारा प्रार्थी के नाबालिग पुत्र के साथ खिलवाड़ कर जबरदस्ती टीसी काट देने शिकायत की गई थी। इस मामले में आयोग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, गुना से विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया था। तत्समय पदस्थ जिला शिक्षा अधिकारी, गुना द्वारा मामले की जांच तो अवश्य कराई गई, परन्तु न तो केस की वास्तविकता को जानने का प्रयास किया गया और न ही स्कूल प्रबंधन द्वारा बिना अभिभावक के रिक्वेस्ट से आवेदक के पुत्र को टीसी जारी करने वाले कृत्य को सीबीएसई के नियमों के विरूद्ध पाकर कोई कार्यवाही की। आयोग ने पाया कि इससे छात्र निखिल रघुवंशी के शिक्षा प्राप्त करने के संरक्षण और उसके शिक्षा के अधिकार की उपेक्षा हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/केशव दुबे-hindusthansamachar.in

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