मार्च माह के दो दिन में आए कोरोना के मरीजों ने बढ़ाई स्वास्थ्य महकमे व प्रशासन की चिंता
गुना, 03 मार्च (हि.स.)। कोरोना से बचाव के लिए भले ही वैक्सीन आ चुकी है और इसे लगाने का काम अभी जारी है। इसके बावजूद संक्रमण से बचाव के इंतजामों की अनदेखी आमजन के साथ-साथ स्वास्थ्य महकमे व प्रशासन को भारी पड़ सकती है। इसके संकेत मार्च माह की शुरूआत में ही मिल गए हैं। पहले दिन जहां तीन व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। वहीं अगले दिन यह संख्या बढक़र 8 हो गई। यह आंकड़ा इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि बीते दो माह के दौरान एक दिन में तीन से ज्यादा मरीज सामने नहीं आए थे। यही वजह है कोरोना के गिरते ग्राफ व वैक्सीनेशन शुरू होने के कारण आमजन के साथ-साथ स्वास्थ्य महकमा व प्रशासन ने कोरोना को हल्के में लेना शुरू कर दिया। संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी इंतजाम जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग की लगातार अनदेखी की जा रही है। यहां बताना होगा कि पिछले साल पूरे देश भर में लॉकडाउन की शुरूआत मार्च माह के अंतिम हफ्ते में ही हुई थी। जानकारी के मुताबिक गुना जिले में 16 जनवरी से कोविड-19 से बचाव को लेकर वैक्सीनेशन शुरू हो गया था। इससे पहले ही लोगों ने संक्रमण को लेकर लापरवाही बरतना शुरू कर दी। प्रशासन का भी पूरा ध्यान सिर्फ वेक्सीनेशन के शत प्रतिशत लक्ष्य पर है। ऐसे में मास्क नहीं तो सेवा नहीं अभियान सिर्फ सूचना मात्र बनकर रह गए हैं। हाल ही में शासन के आदेश पर प्रशासन ने सिर्फ एक ही दिन मास्क न लगाने वालों पर कार्रवाई अंजाम दी। शहर में जहां देखों वहां बिना मास्क के लोग नजर आ जाएंगे। भीड़ वाले स्थानों पर भी मास्क की अनदेखी की जा रही है। जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले ही यह बता दिया था कि कोरोना से बचने सिर्फ टीका लगवाना पर्याप्त नहीं है। इसके बाद भी मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखना जरूरी है। - एक्टिव केस की संख्या 9 से बढक़र 17 हुई कोरोना के लिहाज से फरवरी माह बहुत अच्छा गुजरा है। महीने के आखिरी दिन 28 को गुना जिले में एक्टिव केस की संख्या 9 थी। जो 2 मार्च को बढक़र सीधे 17 हो गई। वहीं जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भी भर्ती मरीजों की संख्या 6 से बढक़र 14 हो गई है। हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक