छापेमारी में जब्त किए गए पैसों का क्या करती है ED? केंद्र सरकार को कब मिलता है ये पैसा?

ED: अब सवाल आता है कि ईडी द्वारा जब्त नोटों के पहाड़ो का होता क्या है। तो हम इस खबर में इस पर पूरी जानकारी देंगे।
ED Raid in Jharkhand
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। देश में ईडी की छापेमारी की खबर सामने आती रहती है। हाल में ही ईडी ने झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के फ्लैट में छपेमारी में 35.23 करोड़ रूपए बरामद किए। ईडी ने उसके दूसरे ठिकाने से भी 2.13 करोड़ रूपए से ज्यादा बरामद किया है। ईडी ने सचिव संजीव लाल और नौकर जहांगीर आलम को जांच में सहयोग न करने के कारण गिरफ्तार कर लिया है। अब सवाल आता है कि ईडी द्वारा जब्त नोटों के पहाड़ो का होता क्या है। तो हम इस खबर में इस पर पूरी जानकारी देंगे।

SBI अधिकारियों की मौजूदगी में एक सीजर मेमो तैयार किया जाता है

ईडी जब भी छापेमारी में पैसा बरामद करती है तो एसबीआई को नोट गिनने के लिए बुलाती है और एसबीआई अधिकारियों की मौजूदगी में एक सीजर मेमो तैयार किया जाता है। जिसमे कुल नगदी और किस करेंसी में कितने नोट हैं आदि को सीजर मेमो में नोट किया जाता है। ईडी बाद में गवाहों की उपस्थिति में इसको बॉक्स में सील कर देती है। जब नोटों को सील कर दिया जाता है और सीजर मेमो तैयार कर लिया जाता है तो बरामद किये गए रुपयों को एसबीआई की ब्रांच में ईडी के पर्सनल डिपाजिट अकाउंट में जमा कर दिया जाता है।

अगर आरोपी बरी हो जाता है तो सारा पैसा उसको वापस कर दिया जाता है

दरअसल ईडी द्वारा जब्त पैसों को जब्त तो कर लिया जाता है। लेकिन इन रुपयों का प्रयोग तब तक न तो ईडी, न ही एसबीआई बैंक और न ही केंद्र सरकार कर सकती है। जब तक कोर्ट में आरोपी के खिलाफ आरोप साबित न हो जाये। अगर आरोपी के खिलाफ ट्रायल पूरा होने के बाद आरोप साबित हो जाता है। तो सारा पैसा केंद्र सरकार के खजाने में चला जाता है। अगर आरोपी बरी हो जाता है तो सारा पैसा उसको वापस कर दिया जाता है।

झारखंड से गिरफ्तार किए गए आरोपी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई

प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के अनुसार अगर कोई व्यक्ति गैरकानूनी तरीके से पैसा अर्जित करता है तो वो आपराधिक आय होगी और ईडी को उसके द्वारा अर्जित की गई आपराधिक कमाई को जब्त करने का अधिकार होगा। ईडी ने झारखंड से गिरफ्तार किए गए आरोपी पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की है। अगर आरोपी जब्त किए गए रुपयों का सोर्स बता देता है और वो सोर्स कानूनी तरीके से कमाया गया होता है तो वो पैसा व्यक्ति को लौटा दिय जाता है। अगर ट्रायल में आरोपी पर आरोप साबित हो जाते हैं तो सारा पैसा ईडी केंद्र सरकार के खाते में डाल देती है।

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