Republic Day 2024: कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति के रंगों में सराबोर दिखी गणतंत्र दिवस परेड, शंखनाद के साथ हुई शुरू

Republic Day 2024: पहली बार परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों ने भारतीय संगीत वाद्य यंत्र शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि बजाते हुए मधुर संगीत के साथ की।
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नई दिल्ली, (हि.स.)। देश के 75वें गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुआ। हमेशा परेड की शुरुआत सैन्य बैंड के साथ होती आई है, लेकिन इस बार देशभर की 100 महिला सांस्कृतिक कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ परेड का आगाज किया और अंत में भारत ने अपने लड़ाकू विमानों से हवाई ताकत दिखाई। इस बार की परेड विकसित भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, आत्मनिर्भर सैन्य कौशल और बढ़ती नारी शक्ति के रंगों में सराबोर दिखी।

मुख्य अतिथि रहें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

इस बार समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों रहे। यह छठा मौका था जब भारत के गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। परेड में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता, एकता एवं प्रगति, बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं के दम पर इसकी सैन्य शक्ति और देश में बढ़ती नारी शक्ति को प्रदर्शित किया गया। 'विकसित भारत' और 'भारत-लोकतंत्र की मातृका' विषयों पर आधारित इस वर्ष की परेड में लगभग 13 हजार विशेष अतिथियों ने हिस्सा लिया। सरकार की ओर से यह एक ऐसी पहल थी, जिसमें समाज के सभी वर्ग के लोगों को इस राष्ट्रीय पर्व में शामिल होकर उत्सव मनाने और जन भागीदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर मिला।

शंखनाद के साथ शुरू हुई परेड

पहली बार परेड की शुरुआत 100 से अधिक महिला कलाकारों ने भारतीय संगीत वाद्य यंत्र शंख, नादस्वरम, नगाड़ा आदि बजाते हुए मधुर संगीत के साथ की। यह महिला कलाकार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए तीनों सेनाओं की महिला टुकड़ी की पहली भागीदारी का भी गवाह बनीं। सलामी उड़ान के माध्यम से छह लड़ाकू महिला पायलटों ने भी नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व किया। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की टुकड़ियों में भी केवल महिला कर्मी ही शामिल हुईं।

90 मिनट तक चली गणतंत्र दिवस परेड

गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10.30 बजे शुरू हुई और लगभग 90 मिनट तक चली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने परेड से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद नायकों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। समारोह स्थल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों पारंपरिक बग्घी में ‘राष्ट्रपति के अंगरक्षक’ की निगरानी में पहुंचे। परंपरा के अनुसार सबसे पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इसके बाद स्वदेशी बंदूक प्रणाली 105-एमएम इंडियन फील्ड गन के साथ 21 तोपों की सलामी दी गई। फिर 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 IV हेलीकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर फूलों की वर्षा की।

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