नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। याचिकाकर्ता वकील श्रीकांत प्रसाद ने दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जेल से ही सरकार चलाने और उनके खिलाफ बयानबाजी को रोकने वाली दायर की थी। जिसपर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 8 मई 2024 को याचिकाकर्ता वकील श्रीकांत प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया और उनपर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया।
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया
दरअसल याचिकाकर्ता वकील श्रीकांत प्रसाद ने PIL में दिल्ली सरकार को जेल से ही सरकार चलाने के लिए सारी सुविधाएं मुहैया करवाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता वकील श्रीकांत प्रसाद चाहते थे कि जेल में इस तरह का सेटअप हो जाये, जिससे सीएम अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों और विधायकों से संपर्क कर सके और उन्हें आवश्यक निर्देश दे सके।
याचिकाकर्ता ने इसके अलावा अपनी याचिका में मांग की थी कि सीएम केजरीवाल के संभावित इस्तीफे और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की खबरों पर मीडिया को रोका जाए। दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका का जवाब देते हुए कहा कि वे न तो मीडिया को अपने विचार जारी करने से रोकेंगे और न ही सीएम केजरीवाल के विरोधियों को उनके खिलाफ विरोध करने से रोक सकते हैं। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
हमारा कानून और संविधान सबको देशहित में याचिका दायर करने का अधिकार देता है
दरअसल देखा गया है कि हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ता को कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए जुर्माना लगाते रहे हैं। यह सही भी है। देश में कितने ही महत्वपूर्ण केस पेंडिंग होते हैं। इसलिए याचिकाकर्ता को गैरजरूरी याचिका नहीं डालनी चाहिए। हमारा कानून और संविधान सबको देशहित में याचिका दायर करने का अधिकार देता है। उसका सभी को प्रयोग करना चाहिए, मगर गैरजरूरी याचिका दायर करके कोर्ट का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
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