झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन भाजपा में शामिल, जानें किसको होगा इसका राजनीतिक लाभ

Sita Soren Joins BJP: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
Sita Soren Joins BJP
Sita Soren Joins BJPRaftaar

नई दिल्ली, (हि.स.)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में झारखंड के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी और महासचिव विनोद तावड़े की मौजदूगी में सीता सोरेन को पार्टी की सदस्यता दिलाई और भाजपा परिवार में स्वागत किया गया।

झारखंड में बदलाव की जरूरत- सीता सोरेन

इस अवसर पर सीता सोरेन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह पर भरोसा जताते हुए वे भाजपा में शामिल हुईं। प्रधानमंत्री मोदी ने झारखंड के आदिवासी लोगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि उन्हें झारखंड में अधिक रफ्तार से विकास के पथ पर ले जाना है। झारखंड में बदलाव की जरूरत है।

उन्हें कभी भी पार्टी से वह सम्मान नहीं मिला- सीता सोरेन

भाजपा में शामिल होने के बाद सीता सोरेन ने कहा कि उन्होंने 14 साल तक पार्टी (जेएमएम) के लिए काम किया लेकिन उन्हें कभी भी पार्टी से वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी वे हकदार थीं। वह उपेक्षित महसूस कर रही थीं। इसके कारण उन्होंने जेएमएम पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ साजिश रची जा रही है।

किसको होगा इसका राजनीतिक लाभ?

सीता सोरेन के भाजपा खेमे में आने से पार्टी को मजबूती मिल सकती है। विशेषकर हेमंत सोरेन आदिवासियों के जिस कथित उत्पीड़न के सहारे भाजपा को मात देने की कोशिश कर रहे हैं, सीता सोरेन के खेमा बदलने के बाद जेएमएम का यह दांव हल्का पड़ सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन पार्टी इस बार झारखंड में भी क्लीन स्वीप करने के मूड में है। लेकिन हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से भाजपा के लिए आदिवासियों के उत्पीड़न मुद्दा तूल पकड़ रहा था। अब सीमा सोरेन के भाजपा में आने से यह मुद्दा शंत हो सकता है, जिसका सीधा लाभ पार्टी को मिल सकता है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in