Delhi High Court ने 2024 आम चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक लागू करने की मांग पर सुनवाई से किया इनकार

New Delhi: दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 2024 के आम चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
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नई दिल्ली, (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 2024 के आम चुनाव से पहले लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को अनिवार्य करने वाले महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट जाने को कहा, जहां पहले से मामला लंबित है।

कोर्ट इस कानून की धारा 334ए का उल्लंघन नहीं कर सकता है

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस कानून को संसद ने पारित किया है। कोर्ट इससे उलट कैसे जा सकती है। केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि अब ये विधेयक कानून बन गया है और इस कानून में कहा गया है कि ये परिसीमन के बाद प्रभावी होगा। तब कोर्ट ने कानून के प्रावधान पर गौर करते हुए कहा कि अगर याचिकाकर्ता इस कानून को जल्द लागू करवाना चाहते हैं तो इसके लिए कानूनी प्रावधान में बदलाव करना होगा। कोर्ट इस कानून की धारा 334ए का उल्लंघन नहीं कर सकता है, जिसमें परिसीमन के बाद लागू करने की बात कही गई है। उसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।

याचिका में 2024 लो.स चुनाव से पहले आरक्षण लागू करने के आदेश देने की मांग थी

इसके पहले याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट की सिंगल बेंच में याचिका दायर की थी। जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की सिंगल बेंच ने 15 दिसंबर को कहा था कि याचिकाकर्ता का इसमें कोई व्यक्तिगत हित नहीं है और उन्हें इसे लेकर एक जनहित याचिका दाखिल करनी चाहिए। यह याचिका योगमाया एमजी ने दाखिल की थी। याचिका में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले आरक्षण लागू करने के आदेश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि भारतीय राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए इस कानून को प्रभावी तरीके से लागू करना जरूरी है। अगर इसे लागू करने में देरी होती है तो ये लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है

दरअसल, 21 सितंबर को संसद ने महिला आरक्षण को लेकर कानून पारित किया था। इस कानून में परिसीमन के बाद महिला आरक्षण लागू करने का प्रावधान किया गया है। परिसीमन करने के बाद आरक्षण लागू होने पर ये 2024 के बाद लागू होगा। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने इसी मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। जया ठाकुर की याचिका में कहा गया है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 को परिसीमन के बाद लागू करने के प्रावधान को हटाया जाए और इस कानून को 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले लागू कर अपनी सच्ची भावना में लागू किया जाना चाहिए।

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