Indian Airforce: 2016 में एएन-32 विमान हुआ था लापता, 8 साल बाद इस तकनीक की मदद से समंदर में मिला मलबा

Indian Airforce: बंगाल की खाड़ी के ऊपर से आठ साल पहले गायब हुए भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान का मलबा चेन्नई से लगभग 310 किमी दूर समुद्र तल से लगभग 3400 मीटर नीचे मिला है।
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नई दिल्ली, (हि.स.)। बंगाल की खाड़ी के ऊपर से आठ साल पहले गायब हुए भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान का मलबा चेन्नई से लगभग 310 किमी दूर समुद्र तल से लगभग 3400 मीटर नीचे मिला है। इस मलबे को राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने एक उन्नत एयूवी का उपयोग करते हुए खोजा है। यह खोज एवं बचाव अभियान समुद्र में किसी लापता विमान की तलाश में भारत का अब तक का सबसे बड़ा खोज अभियान बन गया है।

चेन्नई से लगभग 150 समुद्री मील पूर्व बंगाल की खाड़ी में गायब हो गया था

दरअसल, भारतीय वायु सेना के एंटोनोव एएन-32 ट्विन इंजन टर्बोप्रोप परिवहन विमान ने 22 जुलाई, 2016 को स्थानीय समयानुसार सुबह 08:30 बजे चेन्नई के तांबरम वायु सेना स्टेशन से उड़ान भरी। स्थानीय समयानुसार 11:45 बजे के आसपास इसे पोर्ट ब्लेयर में भारतीय नौसैनिक हवाई स्टेशन आईएनएस उत्क्रोश पर उतरना था। चेन्नई से 280 किलोमीटर (170 मील) पूर्व में सुबह 9:12 बजे विमान से रडार संपर्क टूट गया था। उस समय यह विमान बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी तट पर चेन्नई शहर में तांबरम वायु सेना स्टेशन से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पोर्ट ब्लेयर के रास्ते में था। बंगाल की खाड़ी के ऊपर उड़ान भरते समय चेन्नई से लगभग 150 समुद्री मील पूर्व बंगाल की खाड़ी में गायब हो गया था।

2016 को खोज और बचाव अभियान बंद कर दिया गया

उस समय विमान पर सवार 29 लोगों में चालक दल के छह सदस्य, 11 भारतीय वायु सेना के जवान, दो भारतीय सेना के जवान, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल से एक-एक और नौसेना आयुध डिपो (एनएडी) के साथ काम करने वाले आठ रक्षा नागरिक थे। विमान के लापता होने के तीसरे दिन भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने एक पनडुब्बी, 16 सतही जहाजों और छह विमानों का उपयोग करके बड़ा खोज और बचाव अभियान चलाया। एक सप्ताह बाद आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गई कि विमान में कोई अंडरवाटर लोकेटर बीकन (यूएलबी) नहीं बल्कि इसमें दो आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) थे। आख़िरकार 15 सितंबर, 2016 को खोज और बचाव अभियान बंद कर दिया गया। साथ ही विमान में सवार सभी 29 लोगों को मृत मानकर उनके परिवारों को सूचित कर दिया गया।

भारत का अब तक का सबसे बड़ा खोज अभियान बन गया है

भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान का मलबा आठ साल बाद मिलने पर अब यह खोज एवं बचाव अभियान समुद्र में किसी लापता विमान की तलाश में भारत का अब तक का सबसे बड़ा खोज अभियान बन गया है। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के अंतर्गत काम करने वाले राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने एक उन्नत एयूवी का उपयोग करते हुए चेन्नई से लगभग 310 किमी. दूर समुद्र तल से लगभग 3400 मीटर नीचे विमान का मलबा खोजने का कारनामा कर दिखाया है।

यह मलबा दुर्घटनाग्रस्त विमान एएन-32 का ही है

संस्थान के वैज्ञानिकों ने एएन-32 विमान के लापता होने वाली जगह पर गहरे समुद्र में एक ऑटोनोमस अंडरवाटर वाहन (एयूवी) को तैनात किया। यह विशेष तकनीकी क्षमताओं से लैस वाहन है। मल्टी बीम सोनार, सिंथेटिक एपर्चर सोनार और उच्च रिज़ॉल्यूशन फोटोग्राफी सहित कई पेलोड का उपयोग करके समंदर के अंदर 3400 मीटर की गहराई पर दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे का पता लगाया गया। खोजे गए मलबे की तस्वीरों की जांच में इसे एएन-32 विमान के अनुरूप पाया है। तमाम विश्लेषण के बाद यह पता चला है कि यह मलबा दुर्घटनाग्रस्त विमान एएन-32 का ही है, क्योंकि उस इलाके में किसी और विमान के दुर्घटनाग्रस्त या लापता होने की कोई रिपोर्ट नहीं है।

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