
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। बिहार में अररिया के रानीगंज थाना क्षेत्र में आज सुबह सुबह एक दैनिक पत्र के पत्रकार विमल कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना आज (18 अगस्त) सुबह की है। वारदात को चार अपराधियों ने मिलकर इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। उनकी इस हत्या से अक्रोशित अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तुलना तानाशाह राजा गद्दाफी से की।
सांसद ने की मृतक पत्रकार के परिजनों से मुलाकात
आपको बता दे घटना की सूचना मिलने के बाद अररिया पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने मृतक पत्रकार के परिजनों से मुलाकात की और ढांढस बंधाया।उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि बिहार में जंगलराज है। जहां कोई सुरक्षित नहीं है और राज काज से लेकर विधि व्यवस्था तक भगवान के भरोसे चल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में लगातार हत्या,अपहरण,बलात्कार,चोरी, डकैती की घटना घटित हो रही है और इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। हालात हो गया है कि पुलिस पत्रकार पर भी बदमाश निशाना साधने लगे हैं,जो काफी दुखद है।
सरकार संवेदनहीन बन गई है
उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि घटना पर दुख जताना भी उचित नहीं समझते और न ही बिहार के कोई मंत्री पीड़ित परिवार से मुलाकात तक करने जाते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में जंगलराज है और आमलोग सुरक्षित नहीं हैं। सरकार संवेदनहीन बन गई है। कथित तौर सुशासन बाबू कहलाने वाले नीतीश कुमार को बढ़ते अपराध हत्या,लूट,बलात्कार,डकैती,चोरी की घटना को लेकर जवाब देना होगा।
नीतीश कुमार गद्दाफी बन बैठे हैं- सांसद प्रदीप कुमार सिंह
उन्होंने कहा कि जनता सब देख और समझ रही है और समय पर माकूल जवाब देने के लिए तैयार है। सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि डीएम एसपी से लेकर सारे अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं और बिहार भगवान भरोसे चल रहा है। अररिया के लाल मोहपुर के एसएचओ नंदकिशोर यादव की समस्तीपुर में हत्या हो जाती है। दो दिन पहले रानीगंज में दुकान में घुसकर बदमाश गोली मार देते हैं और आज पत्रकार की उनके घर के दरवाजे को खुलवा कर हत्या कर दी जाती है। आखिर यह जंगलराज नहीं तो क्या है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में नैतिकता समाप्त हो गई है और वे गद्दाफी बन बैठे हैं।