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अफगान लोगों के आवश्यक जीवन-रक्षक धन को निगल लिया अमेरिका ने

बीजिंग, 13 फरवरी (आईएएनएस)। 11 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका में अफगान केंद्रीय बैंक की फ्रीज हुई संपत्ति संबंधी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें लगभग 7 अरब डॉलर की संपत्ति को दो भागों में विभाजित करने की योजना बनायी गयी। इसमें से एक हिस्से का उपयोग 9/11 घटना के शिकार लोगों को मुआवजा देने में किया जाएगा और दूसरे हिस्से का इस्तेमाल तालिबान सरकार को दरकिनार करते हुए अमेरिका द्वारा अफगान लोगों को तथाकथित सहायता प्रदान करने के रूप में किया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही पूरी दुनिया में कोहराम मच गया। अमेरिका सरकार ने दिन-दहाड़े ही खुले तौर पर अफगान लोगों के आवश्यक जीवन-रक्षक धन को निगल लिया है। यह नग्न डकैती है! यह अमेरिकी आधिपत्यवाद और लूट का एक बड़ा प्रदर्शन है। पिछले साल अगस्त के मध्य में, तालिबान सशस्त्र बलों के अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रवेश करने और नियंत्रण करने के बाद, अमेरिका सरकार ने तुरंत अमेरिका में अफगान केंद्रीय बैंक की लगभग 7 अरब डॉलर सहित विदेशी संपत्ति को फ्रीज कर दिया। यह धन अफगान लोगों का है और अमेरिका को इसका किसी भी रूप में उपयोग करने का कोई अधिकार नहीं है। भले ही, जैसा कि अमेरिकी सरकार ने कहा कि पैसा मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय सहायता से आता है, लेकिन यह सहायता मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक से आती है, इस पैसे को अपनी जेब में डालने का व्हाइट हाउस को कोई अधिकार नहीं है। अमेरिकी सरकार के तथाकथित 9/11 घटना के शिकार लोगों को मुआवजा देने के कथन ने दूसरी तरफ से एक और गंदी कहानी का खुलासा किया है। 2017 से, यानी 16 साल की देरी के बाद, अमेरिका सरकार ने 9/11 घटना के शिकार लोगों को मुआवजा देना शुरू किया। हालांकि, 2019 में, अमेरिका सरकार ने कानून का संशोधन करके पीड़ितों के परिजनों के दायरे को फिर से परिभाषित किया, जिससे कुछ अप्रत्यक्ष पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल सका। जब उन पीड़ितों के परिजनों ने अमेरिका की अदालत में अमेरिका सरकार पर मुकदमा चलाया, तब उनकी सेवा करने वाले वकीलों ने 2020 और 2021 के बीच अमेरिका सरकार को शैतान का सौदा करने का प्रस्ताव दिया, जिसमें अफगान तालिबान को प्रतिवादी के रूप में जोड़ना और मुआवजे के स्रोत के रूप में अफगान केंद्रीय बैंक की संपत्ति का उपयोग करना, और अमेरिकी सरकार को बीच से एक हिस्सा प्राप्त करने की अनुमति देना शामिल है। अमेरिका सरकार ऐसा व्यवहार क्यों करती है? यह आंतरिक और बाहरी कठिनाइयों का उत्पाद है, कोरोना महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित नहीं किया जा सका, मुद्रास्फीति अधिक है, समर्थन कमजोर है, और अमेरिकी राजकोष की आपात स्थिति मौजूद है। सिलसिलेवार समस्याओं ने वर्तमान व्हाइट हाउस के मालिक की बुद्धि को खराब कर दिया, तो उन्होंने इस स्पष्ट डकैती और बोनस सौदा योजना पर सहमति जतायी और वास्तव में इसे लागू किया। दुनिया की एकमात्र महाशक्ति ने अफगान लोगों के आवश्यक जीवन-रक्षक धन को निगल लिया, जो बहुत बेशर्म बात है। दुनिया में न्याय की भावना रखने वाले लोगों को न केवल अमेरिका सरकार के आधिपत्य के चेहरे को पूरी तरह से पहचानना चाहिए, बल्कि विभिन्न तरीकों से ऐसी डकैती की निंदा करनी और उसका मुकाबला करना चाहिए और अफगान लोगों की मदद करनी चाहिए। (साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) --आईएएनएस आरजेएस

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