मालद्वीप के राष्ट्रपति मुइज्जू का सफेद झूठ, "भारतीय सैनिकों" के दावे को उनके पूर्व विदेश मंत्री ने ही नकारा

Maldives News: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारतीय सैनिको के बारे में किये गए दावों का शनिवार को उन्ही के देश के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने खंडन किया है।
Mohammad Muizzu
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के भारतीय सैनिको के बारे में किये गए दावों का शनिवार को उन्ही के देश के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने खंडन किया है और उसको सफेद झूठ बता डाला। पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हजारों भारतीय सैन्य कर्मियों की हमारे देश में तैनाती को लेकर झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि मालदीव में कोई भी सशस्त्र विदेशी सैनिक की तैनाती नहीं है।

देश में कोई भी सशस्त्र विदेशी सैनिक तैनात नहीं है

सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक पोस्ट में मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के नए अध्यक्ष ने लिखा कि "100 दिन बाद यह साफ है, राष्ट्रपति मुइज्जू का हज़ारो भारतीय सैन्य कर्मियों का दावा उनके द्वारा बोले गए झूठ की कड़ी का हिस्सा है सैन्यकर्मियों की विशिष्ट संख्या प्रदान करने में वर्तमान प्रशासन की असमर्थता बहुत कुछ बता देती है। देश में कोई भी सशस्त्र विदेशी सैनिक तैनात नहीं है। उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा की पारदर्शिता अहम भूमिका निभाती है और सच्चाई सामने आनी चाहिए।

यही से उनके देश में इसको लेकर चर्चा का बाजार गरम है

जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी का सबसे अहम मुद्दा मालदीव से भारतीय सैनिको को हटाने का था। अभी मालदीव में डोर्नियर 228 समुद्री गश्ती विमान और दो एचएएल ध्रुव हेलीकॉप्टरों के साथ लगभग 70 भारतीय सैनिक तैनात हैं। राष्ट्रपति का पदभार संभालते ही, दूसरे दिन मुइज्जू ने भारतीय सरकार से मालदीव से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने की अपील की थी। यही से उनके देश में इसको लेकर चर्चा का बाजार गरम है।

राष्ट्रपति का मुइज्जु दावा

बीते साल दिसंबर के महीने में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु ने दावा किया था कि उनकी भारतीय सरकार से बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की बात पर सहमति बन गई है। मुइज्जु ने यह भी कहा था कि भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस उनके देश में भेजने के लिए उनकी सरकार द्वारा कूटनीतिक बातचीत की जा रही है। उन्होंने पूरी तरह जानकारी दी थी कि उनकी पिछली बातचीत में यह सहमति हुई थी कि तीन विमानन प्लेटफॉर्मों में से एक पर सैन्य कर्मियों को 10 मार्च 2024 से पहले तक वापस बुला लिया जायेगा और अन्य दो प्लेटफॉर्मों पर सैन्य कर्मियों को 10 मई 2024 से पहले वापस बुला लिया जायेगा। वहीं इसी महीने भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत मालदीव में विमानन प्लेटफार्मों पर सैन्य कर्मियों की जगह भारतीय तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति करेगा।

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