Whooping cough: चीन में काली खांसी से दो महीनों में 13 मौतें, क्या कहती है WHO की रिपोर्ट?

Whooping cough: इसको पर्टुसिस के नाम से भी जाना जाता है। चीन में इन दो महीनों में कुल मिलाकर इसके 32,380 मामले दर्ज किये गए हैं।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। चीन में कोरोना महामारी के बाद काली खांसी (Whooping cough) ने फिर से अपनी पकड़ बनाना शुरू कर दी है। चीन में वर्ष 2024 की जनवरी और फरवरी में इन मामलों में 20 गुना से अधिक बढ़ोतरी हुई है। इसको पर्टुसिस के नाम से भी जाना जाता है। चीन में इन दो महीनों में कुल मिलाकर इसके 32,380 मामले दर्ज किये गए हैं। ब्लूमबर्ग ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन का हवाला देते हुए जानकारी दी है कि पिछले वर्ष 2023 को इसी समय में 1,421 मामलों की तुलना में। 13 मौतें हुईं। वर्ष 2024 के पहले 60 दिनों में पाए गए मामलों की कुल संख्या वर्ष 2023 के आसपास है। यह आकड़े चीन में संक्रामक श्वसन रोग के बढ़ते खतरे को दर्शाता है।

खांसी का यह दौर 4 से 8 हफ्ते तक रहता है

अधिकतर काली खांसी (Whooping cough) के संक्रमण के लक्षण 7 से 10 बाद दिन दिखाई देने लगते हैं। हल्के बुखार, नाक बहने और खांसी से इसकी शुरुआत होने लगती है। इसके कारण अधिक समय तक खांसी रहती है। कभी कभी इसके कारण सांस लेने के दौरान घरघराहट की आवाजें आना शुरू हो जाती है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार निमोनिया एक सामान्य बात है, जबकि खांसी के दौरे और मष्तिक रोग शायद ही कभी होते हैं। खांसी शुरू होने के तीन हफ्तों के अंदर संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा होता है। खांसी का यह दौर 4 से 8 हफ्ते तक रहता है।

बचने के लिए सबसे बढ़िया उपाय टीकाकरण : डब्ल्यूएचओ

काली खांसी से बचने के लिए सबसे बढ़िया उपाय टीकाकरण को बताया गया है। WHO के अनुसार, डिप्थीरिया-टेटनस-पर्टुसिस (डीटीपी3) के तीन टीकों को लगवाने से शैशवावस्था में गंभीर पर्टुसिस के खतरे से बचा जा सकता है। WHO के निर्देश के अनुसार 6 सप्ताह की उम्र से ही टीकाकरण शुरू कर देना चाहिए। बाद का टीकाकरण 4-8 सप्ताह, 10-14 सप्ताह और 14-18 सप्ताह की उम्र में होगा। साथ ही बूस्टर डोज दो वर्ष की उम्र में दी जाती है। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण से बहुत छोटे शिशुओं में पर्टुसिस को रोकने में काफी मदद मिल सकती है।

काली खांसी के संक्रमण वाला चीन अकेला देश नहीं है

काली खांसी (Whooping cough) के संक्रमण वाला चीन अकेला देश नहीं है। WHO के अनुसार, कुछ यूरोपीय देशों में 2023 से यह मामले बढ़ रहे हैं। वहीं चेक गणराज्य 1963 के बाद से इस संक्रमण का बड़ा प्रकोप झेल रहा है। इस मामले में चेक गणराज्य और नीदरलैंड दोनों ने काली खांसी से संबंधित मौतों के आकड़ो की जानकारी दी है।

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