J&K: संजय सिंह की गिरफ्तारी पर बोले फारूक अब्दुल्ला, कहा-केंद्र ऐसे कदम न उठाए, जिसका खामियाजा कल भुगतना पड़े

Jammu & Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने आज कहा- कि वह ऐसे कदम न उठाए, जिसका खामियाजा कल उन्हें भुगतना पड़े। उन्होंने कहा कि वे सरकार के कई कृत्यों के खिलाफ संसद में...
Farooq Abdullah
Farooq AbdullahSocial Media

श्रीनगर, हि.स.। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने आज कहा- कि वह ऐसे कदम न उठाए, जिसका खामियाजा कल उन्हें भुगतना पड़े। उन्होंने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की गिरफ्तारी पर कहा कि वे सरकार के कई कृत्यों के खिलाफ संसद में बहुत मुखर रहे हैं, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा है।

संजय सिंह को गिरफ्तार करना गलत

फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा कि संजय सिंह सरकार के कई कृत्यों के खिलाफ संसद में बहुत मुखर रहे हैं और जिसका उन्होंने विरोध किया। मेरा मानना है कि एक ऐसे विधायक को गिरफ्तार करना गलत है, जो पूरी तरह से पाक-साफ है।

उन्हें सिर्फ इसलिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया, क्योंकि उसने कुछ सवालों के जवाब नहीं दिए। उन्होंने कहा कि आप किसी प्रश्न का उत्तर न देने पर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं। यदि आपके पास उसके खिलाफ कुछ है, तो उसे अदालत में ले जाएं।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है और सभी को बोलने का अधिकार है

उन्होंने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और सभी को बोलने का अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि भगवान के लिए ऐसे कार्य न करो, जो कल तुम्हें भुगतने पड़ें। आप हर रोज सत्ता में नहीं रहेंगे। एक दिन यह आप पर प्रहार करने वाला है। उस दिन के बारे में सोचो।

रविंदर रैना के इस बयान पर कि अगर विपक्ष को संविधान और लोकतांत्रिक संस्थानों की इतनी ही चिंता थी, तो उन्होंने पहले शहरी स्थानीय निकायों का बहिष्कार क्यों किया, एनसी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा प्रमुख ने बिना समझे बयान दिया है।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा- संवैधानिक अधिकार की मांग करते हैं हम

उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि जब पंचायत चुनाव हुए थे तो हमने हिस्सा नहीं लिया था। मुझे इसका बहुत दुख है। इसे देखकर उन लोगों ने निर्णय लिया कि ऐसा नहीं करना चाहिए। हमने यह गलत किया, लेकिन हमने डीडीसी चुनावों में हिस्सा लिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भले ही हिस्सा नहीं लिया हो, लेकिन उन अन्य पार्टियों का क्या जिन्होंने हिस्सा लिया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम अपने संवैधानिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं, जो यूटी बनने के बाद से इस राज्य में निलंबित हैं। हम अपने संवैधानिक अधिकार मांग रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर में विपक्षी दलों ने लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले का आरोप लगाते हुए 10 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:-www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in