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विपिन पटवा को अपने शास्त्रीय संगीत प्रशिक्षण को भुज: प्राइड ऑफ इंडिया में शामिल करने की स्वतंत्रता थी

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बहुत कम उम्र में शास्त्रीय संगीत सीखने वाले संगीतकार और गायक विपिन पटवा ने भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया के गाने इश्क मेरा के लिए संगीत तैयार किया है। उनका कहना है कि उन्हें प्रतिभा सिंह बघेल द्वारा गाए गए नवीनतम गीत में अपने संगीत प्रशिक्षण को शामिल करने की पूरी स्वतंत्रता मिली है। आईएएनएस से खास बातचीत में पटवा ने कहा, मुझे गानों पर काम करते समय शास्त्रीय संगीत का इस्तेमाल करने की आजादी है। अगर मुझे शास्त्रीय संगीत का इस्तेमाल करने की बिल्कुल भी इजाजत नहीं दी जाती तो इससे मेरे संगीत पर बहुत फर्क पड़ता। उन्होंने कहा, मेरा नवीनतम गीत इश्क मेरा जो थोड़ा अलग खांचे वाला गीत है, बिल्कुल अलग लगता होगा और मैंने गाने के साथ न्याय नहीं किया होता। अगर मुझे शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित नहीं किया जाता, तो मैं कर सकता था केवल 3/4 या 4/4 जैसे सीमित लय पैटर्न के साथ काम करें। मैं 6/8, 7/8, और अधिक जैसे विभिन्न ताल पैटर्न और बीट्स का उपयोग करता हूं। 38 वर्षीय ने दे दे प्यार दे, हाउसफुल 4, दास देव, मतलबी यारियां जैसी फिल्मों के लिए रचना की है। भुज के लिए संगीत पर काम करने के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, भुज जैसी बड़ी फिल्म में काम करने का अनुभव अद्भुत था, क्योंकि गाने पर काम करते समय मुझे जो स्वतंत्रता दी गई थी और एक्सपोजर भी उतना ही बड़ा था। पटवा ने कहा, इससे फर्क पड़ता है जब फिल्म बड़ी हो, जहां शिल्प बड़ा हो, जहां प्रचार बड़ा हो। संगीतकार ने साझा किया कि उन्होंने अपने करियर की शुरूआत छोटी फिल्मों से की थी। पटवा ने साझा किया, इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक बड़ी परियोजना पर काम करने से बहुत फर्क पड़ता है। लेकिन, यह कहकर कि आप जो भी फिल्म बड़ी या छोटी करते हैं, उसे हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिए, जिससे सर्वोत्तम संभव परिणाम बनें। मेरा सफर भी छोटी फिल्मों से शुरू हुआ और आखिरकार मैं बड़ी फिल्में कर रहा हूं। विपिन ने छोटी उम्र से ही शास्त्रीय संगीत सीख लिया था। संगीतकार ने साझा किया कि उनके प्रशिक्षण ने उन्हें बॉलीवुड में शिल्प को पूर्ण करने में बहुत मदद की। बचपन से शास्त्रीय सीखना मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुआ है। मैं कहना चाहूंगा कि अगर कोई कलाकार है जो बॉलीवुड में काम करना चाहता है तो उसे कम से कम शास्त्रीय संगीत की मूल बातें पता होनी चाहिए। तभी इसका लाभ मिलेगा। पटवा ने आगे कहा, चूंकि शास्त्रीय संगीत केवल संगीत का एक रूप नहीं है, यह आपके संगीत का आधार बन जाता है। हालांकि इसे सीखने में मुझे काफी समय लगा, लेकिन यह मुझे बहुत लाभ दे रहा है। --आईएएनएस एसएस/एएनएम

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