audiences-expect-better-content-after-ott-dominates-pallavi-pradhan
audiences-expect-better-content-after-ott-dominates-pallavi-pradhan

ओटीटी का बोलबाला होने के बाद दर्शकों को बेहतर कंटेंट की उम्मीद : पल्लवी प्रधान

मुंबई, 3 अप्रैल (आईएएनएस)। राजन शाही की फिल्म वो तो है अलबेला में सरोज चौधरी की भूमिका निभा रहीं पल्लवी प्रधान का मानना है कि कहानी और किरदारों को दर्शकों के साथ जुड़ाव बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ओटीटी ने टीवी पर कंटेंट को प्रभावित किया है और यह एक अच्छा संकेत है। जहां तक किसी भी शो की बात है तो सापेक्षता बहुत महत्वपूर्ण है। कुछ शो ऐसे होते हैं जो सिर्फ भाग्यशाली होते हैं, उनके पास एक अच्छा लेखक, एक अच्छा निर्देशक, एक अच्छा रचनात्मक होता है। कई बार ऐसे शो होते हैं, जिन्हें खींच लिया जाता है, वे अच्छे होते हैं, लेकिन लोगों का ध्यान खींचने में सक्षम नहीं होते हैं, वहीं ऐसे शो भी होते हैं, जिनकी कहानी अच्छी नहीं होती है और वे अभी भी अच्छी व्यूअरशिप पाने में कामयाब होते हैं। यह सब दर्शकों की पसंद पर निर्भर करता है, क्योंकि यह बदलता रहता है। खासकर ओटीटी बूम के बाद लोग बेहतर कंटेंट की उम्मीद करते हैं, इसलिए अब यह हम पर निर्भर करता है कि हम कुछ ऐसा कैसे पेश करने जा रहे हैं, जिससे उन्हें लगे कि टीवी बदल रहा है। उचित पोशाक, एक विशेष बोली जैसी चीजें, वे चरित्र को वास्तविक बनाती हैं। संस्कृति, भाषा, उस स्थान की परंपराओं को बनाए रखना वास्तव में महत्वपूर्ण है, जहां शो आधारित है। जैसे हमारा शो आगरा पर आधारित है और हमारे संवादों में हम हम कहते हैं ना कि मैं। लेकिन हम उस क्षेत्रीय क्षेत्र में गहराई तक नहीं जा सकते, क्योंकि हमारे लक्षित दर्शक बड़े हैं। यह महत्वपूर्ण है कि पात्र और शो दर्शकों के दिलों को छूएं, चरित्र संबंधित होना चाहिए और जुड़ने में सक्षम होना चाहिए। वो तो है अलबेला 14 मार्च को ऑन-एयर हुआ और पल्लवी ने कबूल किया कि हर नए शो के साथ एक अभिनेता एक नई यात्रा पर जाता है। उन्होंने कहा, आप एक काल्पनिक व्यक्ति की त्वचा में उतर जाते हैं और आप अपना दिल और आत्मा उसमें डाल देते हैं। यदि आप पुराने चरित्र को जीना जारी रखते हैं, तो आप कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे, इसलिए हर शो के साथ यह एक साफ स्लेट होना चाहिए। लेकिन उन्हें लगता है कि हर शो के बाद ब्रेक लेना एक अभिनेता की निजी पसंद होती है। पल्लवी ने आखिर में कहा, लेकिन यह कहने के बाद, मुझे लगता है कि आज के समय में लगातार दिखने की जरूरत है। इसलिए चाहे सोशल मीडिया हो या प्रोजेक्ट, हर किसी को दिखते रहना चाहिए। यह पूरी तरह से एक व्यक्तिगत पसंद है। --आईएएनएस एचके/एसजीके

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in