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पेशावर में दो सिखों की हत्या टारगेटेड किलिंग थी

पेशावर, 16 मई (आईएएनएस)। पाकिस्तान के खबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर में दो सिखों की दिनदहाड़े हत्या की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट की खोरासन इकाई ने ली है। हत्या के विरोध में रविवार को प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे और उन्होंने सरकार से अल्पसंख्यक सिख समुदाय को सुरक्षा देने की मांग की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार की सुबह पेशावर के बाटा ताल बाजार में बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने मसालों की दुकान के मालिक 42 वर्षीय सलजीत सिंह और 38 वर्षीय रणजीत सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इस हत्या के बाद पूरे सिख समुदाय में आक्रोश की लहर दौड़ गई। उन्होंने हत्या के विरोध में दाबगारी गुरुद्वारे से रैली निकाली। न्याय की मांग करते हुये बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आये। प्रदर्शनकारियों के कारण हस्तनागरी रोड तीन घंटे तक बंद रहा। सिख समुदाय ने सरकार से सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की मांग की और कहा कि सरकार को इन टारगेटेड किलिंग को रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाना चाहिये। सिख समुदाय के नेता साहिब सिंह ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा कि तीन मार्च को पेशावर के कूचा रिसलदार इमामबाड़गाह में हुये आत्मघाती हमले में मारे गये लोगों को बतौर मुआवजा 30-30 लाख रुपए दिए गए। उन्होंने मांग की कि जिन सिखों की हत्या की गई है, उनके परिजनों की भी मुआवजा के रूप में इतनी ही रकम दी जानी चाहिये। पेशावर में हुये इस हमले में 66 लोग मारे गये थे और 130 अन्य घायल हुये थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने गत सितंबर फकीराबाद इलाके के सिख हकीम सतनाम सिंह की हत्या के बाद उनके परिजनों को भी कोई मुआवजा नहीं दिया। सतनाम सिंह की हत्या उनके क्लिनिक के अंदर ही कर दी गई थी। पुलिस ने इस हत्या के बाद दिसंबर में दावा किया था कि उन्होंने आईएस की खोरासन इकाई के तीन आतंकवादियों को मार गिराया है और ये आतंकवादी ही हकीम सतनाम सिंह की हत्या तथा अन्य हमलों में शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक, खबर पख्तूनख्वा पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाकर किये जा रहे हमलों को देखते हुये पेशावर, स्वाबी, बुनेर और मलकंद में रहने वाले सिख समुदाय के लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। --आईएएनएस एकेएस/एसकेपी

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