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जहांगीरपुरी में स्थिति शांत, लेकिन तनावपूर्ण

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली में दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर शनिवार शाम को शहर के जहांगीरपुरी इलाके में एक और हिंसक सांप्रदायिक झड़प हुई, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हो गए। शाम को झड़पें हुईं लेकिन घंटों के भीतर, दिल्ली पुलिस ने अर्धसैनिक बलों की मदद से स्थिति पर काबू पा लिया। रात आठ बजे तक स्थिति नियंत्रण में थी, हालांकि स्थिति अब भी तनावपूर्ण है। पूरी रात आईएएनएस की टीम ग्राउंड जीरो पर थी। जिस स्थान पर हिंसा हुई वह सड़क पर कुसल सिनेमा हॉल के ठीक बगल में है, जिसके सामने एक मस्जिद है। यह क्षेत्र भारी पुलिस तैनाती का केंद्र बन गया, जहां सड़क पर चारों तरफ से बड़े पैमाने पर बैरिकेड्स लगे हुए हैं। रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों के साथ, पुलिस को बड़ी संख्या में देखा जा सकता है, जो इलाके और उसके आसपास की हर गली में तैनात हैं। रात भर एक असहज शांति बनी रही। विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तड़के तीन बजे तक मौके पर मौजूद थे। जब आईएएनएस ने उनसे बात की तो, स्पेलश सीपी ने आश्वस्त किया कि स्थिति नियंत्रण में है। मीडिया से बात करने के बाद स्पेशल सीपी वहां से चले गए। हालांकि, डीसीपी नॉर्थवेस्ट उषा रंगनानी, डीसीपी रोहिणी प्रणव तायल और डीसीपी नॉर्थ सागर सिंह कलसी सहित सभी पड़ोसी क्षेत्रों के जिला डीसीपी मौके पर मौजूद रहे। हालांकि स्थिति शांतिपूर्ण है, फिर भी, थोड़े-थोड़े अंतराल पर रोने की आवाजें सुनी जा सकती थी, क्योंकि पुलिस ने घटना की जांच जारी रखी हुई थी और लोगों को हिरासत में लिया जा रहा था। इन सबके बीच अचानक तड़के करीब साढ़े तीन बजे पुलिस को इलाके की अंधेरी गलियों से एक छोटे कद के आदमी को बाहर निकालते हुए देखा गया। जब पुलिस उसे हिरासत में ले रही थी और उसे अपने वाहन के अंदर धकेल रही थी, उनमें से एक ने कहा: क्या वह खोदू है। क्या वह खोदू है? क्या हमने उसे पकड़ लिया है? इसके बाद आरोपी को आनन-फानन में पुलिस वैन में बिठाया गया और वहां से चले गए। आज सुबह पता चला कि मोहम्मद असलम उर्फ खोदू उर्फ असलम अली ने पुलिस कर्मियों पर फायरिंग की थी। उसके पास से वारदात में इस्तेमाल पिस्टल भी बरामद हुई है। पुलिस के अनुसार, यह भी पाया गया कि आरोपी खोदू पहले जहांगीरपुरी थाने के एक मामले में शामिल था, जिसमें उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 188, 506 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। सुबह होते ही लोगों को डर और नई शुरूआत की उम्मीद के साथ घरों से बाहर निकलते देखा गया! --आईएएनएस आरएचए/एसकेपी

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