Indian Air Force: मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की फाइल पर वायु सेना को है रक्षा मंत्रालय के संकेत का इंतजार

New Delhi: भारतीय वायु सेना 97 और तेजस खरीदने के लिए आगे बढ़ रही है लेकिन उसकी नजरें मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) पर टिकी हैं। वायु सेना रक्षा मंत्रालय के संकेत का इंतजार कर रही है।
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नई दिल्ली, हि.स.। भारतीय वायु सेना 97 और तेजस खरीदने के लिए आगे बढ़ रही है लेकिन उसकी नजरें मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमआरएफए) पर टिकी हैं। वायु सेना एमआरएफए की फाइल को रक्षा मंत्रालय के पास ले जाने के लिए सरकार के संकेत का इंतजार कर रही है। इस सौदे के लिए फ्रांसीसी डसॉल्ट एविएशन, अमेरिकी बोइंग और स्वीडिश सॉब तीन मुख्य दावेदार हैं, जिनमें सबसे आगे फ्रांसीसी कंपनी है। भारत ने इसी कंपनी से 4.5 पीढ़ी के 36 राफेल विमानों के लिए 2016 में सौदा किया था, सभी विमान वायु सेना के बेड़े में शामिल किये जा चुके हैं।

वायुसेना में 90 विमानों की कमी

दरअसल, भारतीय वायुसेना ने 2007 में ही अपने लड़ाकू बेड़े में 126 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) की कमी होने की जानकारी देकर रक्षा मंत्रालय के सामने खरीद का प्रस्ताव रखा था। बाद में सिर्फ 36 राफेल विमानों का सौदा फ्रांसीसी द डसॉल्ट एविएशन के साथ किया गया।

इस तरह 126 के बजाय 36 विमानों का सौदा होने से वायुसेना के बेड़े में 90 विमानों की कमी बरकरार रही। इसलिए वायु सेना ने नए प्रकार के सिंगल इंजन वाले 114 एमएमआरसीए खरीदने की योजना बनाई। दुनियाभर की कई बड़ी रक्षा कंपनियों ने इस सौदे के लिए दिलचस्पी भी दिखाई, जिनमें फ्रांसीसी डसॉल्ट एविएशन, अमेरिकी बोइंग और स्वीडिश सॉब कंपनी प्रमुख हैं।

भारतीय वायु सेना ने लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार करने की सलाह दी

रक्षा संसदीय समिति ने भी सरकार को भारतीय वायु सेना के लिए बगैर देरी किये पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार करने की सलाह दी है। समिति का मानना है कि वायु सेना को भविष्य में होने वाले संभावित संघर्षों के लिए अगली पीढ़ी के टेक-रेडी कॉम्बैट जेट की जरूरत है, इसलिए सरकार को अतिरिक्त लड़ाकू जेट्स की खरीद में देरी नहीं करनी चाहिए। समिति ने सरकार से पूछा है कि वायु सेना के लिए फाइटर जेट्स खरीदने में देरी क्यों की जा रही है?

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने सालाना प्रेस कांफ्रेंस में बताया था कि अब हम 97 और एलसीए मार्क-1ए विमान चाहते हैं, जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह सौदा पूरा होने के बाद हमारे पास 180 एलसीए होंगे। भारतीय वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एचएएल को ऑर्डर किए गए 83 तेजस के अलावा 97 और तेजस खरीदने के प्रस्ताव का एमआरएफए योजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वायु सेना ने अपनी लड़ाकू संपत्तियों को मोटे तौर पर 42 स्क्वाड्रन में परिभाषित किया है जबकि मौजूदा समय में उसके पास सिर्फ 30 स्क्वाड्रन हैं।

मौजूदा स्क्वाड्रन का तकनीकी जीवन समाप्त हो रहा

वायु सेना 2025 तक मिग-21 की 4 स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से खत्म कर रही है, जिससे स्क्वाड्रन की ताकत धीरे-धीरे कम होती जा रही है। इसके अलावा अधिकांश मौजूदा स्क्वाड्रन का तकनीकी जीवन समाप्त हो रहा है, जिससे वायु सेना की लड़ाकू क्षमता पर असर पड़ने की संभावना है। इसलिए कम होती जा रही लड़ाकू स्क्वाड्रन की भरपाई एलसीए तेजस, एमएमआरसीए और पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का निर्माण करके पूरी किये जाने की योजना है।

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