Lok Sabha Poll: पश्चिमी-उत्तर प्रदेश में कौन होगा आउट-इन? कहीं आमने-सामने टक्कर तो कहीं 'इलेक्शन का ट्राइएंगल'

UP News: पश्चिमी-उत्तर प्रदेश में एक और NDA और इंडिया आलायंस में आमने-सामने चुनावी टक्कर होगी तो वहीं दूसरी ओर ये मुकाबला ट्राइएंगल बनेगा। क्योंकि BSP भी मैदान में है।
Lok Sabha Poll
Lok Sabha PollRaftaar.in

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। उत्तर प्रदेश में 80 सीटों में से 8 सीटों पर 19 अप्रैल को चुनाव होने वाले हैं 8 सीटों के लिए 80 उम्मीदवारों ने नामांकन भरा है। इन सीटों पर कहीं NDA और इंडिया अलायंस में आमने-सामने मुकाबला होगा तो कहीं इस मुकाबले में BSP भी कूदेगी। चुनाव का ट्राइएंगल बनना संभव है।

8 सीटों पर सभी दलों ने उतारे अपने उम्मीदवार

NDA आठों सीटों पर चुनाव लड़ रही है जिसमें से 7 सीटों पर BJP ने अपने उम्मीदवारों को उतारा है तो वहीं 1 सीट पर जयंत चौधरी का पार्टी RLD चुनाव लड़ेगी। इंडिया अलायंस भी 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जिसमें से 7 सीटों पर SP ने अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है तो वहीं 1 सीट पर कांग्रेस मैदान में उतरने के लिए तैयार हुई है। BSP सुप्रीमो मायावती ने भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। BSP लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी।

जीत का डंका बजाने की तैयारी में जुटी BJP

प्रधानमंत्री मोदी ने आज भी पीलीभीत से चुनावी हुंकार भरी है उन्होंने आज फिर कांग्रेस के घोषणापत्र को मुस्लिम लीग से प्रेरित बताया। BJP ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में जीत के लिए अपनी सारी मेहनत झकझोर रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जमीनी लेवल वहीं दूसरी ओर देखें तो SP प्रमुख अखिलेश यादव ने अबतक एक भी रैली नहीं निकाली और यही हाल कांग्रेस का भी है इसलिए पार्टी के उम्मीदवारों ने अपने दम पर सीटें जीतने के लिए कड़ी मेहनत करना शुरु कर दी है।

क्या है जातिगत समीकरण?

पश्चिम उत्तर प्रदेश में 8 सीटों पर पहले चरण में चुनाव होने में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर और नगीना है। इन सीटों को अगर जातिगत दृष्टि से देखें तो यहां मुस्लिम बहाल क्षेत्रों के अलावा ठाकुर, जाट-गुर्जर और दलितों की अच्छी-खासी जनसंख्या है। BJP ने इसलिए RLD का साथ मांगा है ताकि जाट वोटों को जीतने में BJP को आसानी हो। क्योंकि मुस्लिम पक्ष वाले अधिकतर वोटर SP को चुनेंगे जो कि BJP के लिए खतरा है। BJP 2019 में होने वाली गलतियों को दोहराना नहीं चाहती है इसलिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। इस बात से सभी अवगत है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है। इस बात का गवाह इस देश का राजनीतिक इतिहास है। जब-जब जिस राजनीतिक दल ने सबसे अधिक उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर अपना खाता खोल लिया वो दिल्ली में बैठकर सरकार चलाएगा।

अन्य खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in