Chunavi Kissa: जब संसद में उठा राजीव गांधी के आवास पर जासूसी का मुद्दा, हरियाणा CID पर क्यों लगा इसका आरोप?

Haryana News: एक समय ऐसा भी था जब देश की राजनीति इस कदर चरम पर पहुंच गई थी राजीव गांधी की जासूसी करने पर मजबूरी हो गई थी। इस बात में कितनी सच्चाई है आज के चुनावी किस्से में पड़े।
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नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पूरे देश में चुनाव का माहौल है पहले चरण का चुनाव सफलतापूर्वक हुआ। क्या आप जानते हैं एक ऐसा भी समय था जब हरियाणा की CID पर राजीव गांधी की जासूसी पर आरोप लगा था। आज के चुनावी किस्से में पढ़े आखिर ऐसा क्या हुआ था?

कौन कर रहा था निगरानी?

ये तारीख थी 4 मार्च, 1991 संसद में मुद्दा उठा कि राजीव गांधी के आवास 10 जनपथ और कांग्रेस के पार्टी कार्यालय पर हरियाणा की CID निगरानी रख रही है। यह मुद्दा इतनी गरम हो गया कि भिवानी से सांसद बंसीलाल ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं, प्रधानमंत्री चंद्रशेखर तक की जासूसी CID द्वारा की जा रही है।' सांसद बंसीलाल ने आगे कहा- स्पीकर साहब हरियाणा की CID का दिल्ली में स्थित हरियाणा भवन में बहुत बड़ा ऑफीस है। यहां वायरलेस सेट जैसे उपकरणों को लगाया गया है। ये लोग गुड़गांव में रहते हैं और हर रोज़ आते-जाते हैं। ये लोग अपने हिसाब से सांसदों की सर्विलांस करते हैं, जिन-जिनकी इन्हें करनी हो। उन्होंने संसद में सवाल किया आखिर हरियाणा के DIG ज़्यादातर दिल्ली में रहते हैं। आखिर उन्हें दिल्ली में रहने की क्या ज़रुरत है। उन्होंने इस मामले की जांच करने की मांग की।

सांसद बंसीलाल ने सदन में पूछे गंभीर सवाल

सांसद बंसीलाल ने आगे सवाल पूछा- आखिर इतनी पुलिस की हरियाणा सरकार को दिल्ली में रखने की जरूरत क्या है? उन्होंने हरियाणा भवन में लगाए गए वायरलेस सेट पर गंभीर सवाल पूछा, उन्होंने कहा- क्या वायरलेस सेट लगाने का लाइसेंस होम मिनिस्ट्री ने इन्हें दिया है? क्या पुलिस तक की गाड़ियों को दिल्ली में चलने के लिए वायरलेस सेट लगाने की अनुमति दी है, यदि दी है तो क्यों दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री जी से प्रार्थना करूंगा कि जांच पड़ताल करें और सीरियसली लें तथा अपने आपको भी संभालें।'

लाल कृष्ण आडवाणी ने भी उठाई आवाज़

हरियाणा CID द्वारा राजीव गांधी पर की जा रही जासूसी का मुद्दा सबसे पहले नई दिल्ली से सांसद और BJP के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने उठाया था। उन्होंने कहा कि "हरियाणा की खूफिया एजेंसी राजीव गांधी के निवास पर मौजुद थे। इन्हें वहां रुकने से रोक देना चाहिए।" इस पर तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने जवाब देते हुए कहा- "यह मामला न तो अब तक खत्म हुआ है और न ही बंद हुआ है। मामले की रिपोर्ट आने के बाद मैं स्वंय विपक्ष के नेताओं से इस बारे में चर्चा करुंगा और उनसे सलाह लूंगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले में जरुरी कार्यवाई जरुर होगी।" इस बीच सबसे बड़ा सवाल ये था कि आखिरकार, कौन था इसके पीछे, कौन करवा रहा था हरियाणा की CID से जासूसी?

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