Child Care: नवजात शिशु की एक साल तक करें विशेष देखभाल, कभी नहीं पड़ेगा बीमार

Child Care: नवजात शिशु की देखभाल करना बहुत ही कठिन काम होता है। ऐसे में ये जानकारी आपको नन्हे शिशु की केयर करने में बहुत मदद कर सकते हैं।
नवजात शिशु का रखें ध्यान
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: बच्चे के जन्म पर सभी माता पिता को खुशी होती है। लेकिन जन्म के बाद से ही जिम्मेदारियां बढ़ जाती है। ऐसे में  नवजात शिशु के माता-पिता को बच्चों की हर चीज का खास ध्यान रखना पड़ता है। ऐसा उन्हें एक नहीं बल्कि कई महीनो तक करना पड़ता है।  जैसे उसका खान-पान, सोना और इससे संबंधित छोटी-छोटी चीज भी ध्यान देनी पड़ती हैं। नवजात बच्चे के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा लाभदायक होता है, मां को अपने बच्चे की ब्रेस्ट फीड से लेकर उसके स्वास्थ से जुड़ी हर छोटी बात का बहुत बारीकी से ध्यान करने की जरूरत होती है।

कुछ टिप्स से आप बच्चे की देखभाल कर सकते हैं

यह बात सही है कि उम्र के साथ बच्चे की खुराक बढ़ने लगती है।  नवजात बच्चों का पेट काफी छोटा होता है।  और मां को इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बच्चों को ज्यादा दूध ना पिलाए। क्योंकि शुरुआती समय में पचा पाना उसके लिए मुश्किल भरा होता है।  नवजात शिशु का पेट एक मार्बल के साइज के बराबर होता है। उसे शुरू में 30 एमएल दूध ही पिलाना चाहिए। फिर जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है उसका पेट बढ़ता जाता है।  अगर आप अपने बच्चों को बोतल से दूध पिला रहे हैं, तो उसको कितना दूध देना चाहिए आपको इसे  नापकर ही देना चाहिए।

बच्चों को कितनी बार दें खाना

छोटे बच्चों को भूख ज्यादा लगती है।  यह  बात  हर मां को ध्यान रखना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों को दूध पिला रही हैं तो आपको यह बात भी मालूम होनी चाहिए की मां का दूध पीने वाले बच्चों को जल्दी-जल्दी भूख लगती है।  मां का दूध बच्चों के पेट में जल्दी पच जाता है, इस वजह से उन्हें भूख जल्दी लगने लगती है। इसके अलावा अगर आप बच्चे को बोतल से दूध पिला रही है तो बच्चे को उतनी भूख नहीं लगेगी। 

ब्रेस्टफीड  वाले बच्चों का रखें  विशेष ख्याल

बच्चों के पैदा होने के 1 घंटे के अंदर ही बच्चों को मां का दूध देना शुरू कर दिया जाता है। उसके साथ  एक दिन में बच्चों को 8 से 10  बार मां का दूध पिलाना चाहिए।  हर मां को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे के पैदा होने के करीब दो हफ्ते तक बच्चों को दिन में थोड़ी थोड़ी देर में ब्रेस्टफीडिंग कराना चाहिए। आपको इस बात का भी विशेष ध्यान रखना है कि आपका बच्चा 4 घंटे तक बिना बेस्ट फीडिंग के नहीं रह सकता। अगर आप ब्रेस्टफीडिंग का अच्छे से ध्यान रखेंगे तो आपका बच्चा ग्रो करेगा,  हेल्दी रहेगा और धीरे-धीरे उसका वजन बढ़ेगा और स्वस्थ भी  रहेगा।  आप कुछ टिप्स को भी आजमा सकती। जैसे -

(बोतल से दूध )

* 2 महीने के बच्चे को एक दिन में तीन से चार घंटे के अंतराल में दूध पिलाना चाहिए।

* 4 से 6 महीने के बच्चे को 4 से 5 घंटे के अंतरण दूध पिलाना चाहिए ।

(ब्रेस्टफीड)

* 1 से 3 महीने के बच्चे को 24 घंटे के अंदर 7 से 9 बार ही ब्रेस्टफीड कराना चाहिए।

* 3 महीने के बच्चे को 24 घंटे के अंदर 6 से 8 बार दूध पिलाना चाहिए।

* 6 महीने के बच्चे को 1 दिन में छह बार दूध पिलाना चाहिए।

* वही 12 महीने के बच्चे को आपको एक दिन में चार बार ही दूध पिलाना चाहिए । क्योंकि इस दौरान बच्चा कुछ ना कुछ खाने पीने लगता है। 

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