नई दिल्ली 13 अगस्त , रफ़्तार डेस्क - महामृत्युंजय जाप एक प्राचीन वैदिक मंत्र है जिसका महत्वपूर्ण स्थान भारतीय धार्मिक और आध्यात्मिक परंपराओं में है। यह मंत्र भगवान शिव के श्रीमंत्रों में से एक है और इसका उच्चारण शिवभक्तों द्वारा महामृत्युंजय जाप के रूप में किया जाता है। यह जाप मनुष्य को भय, रोग और मृत्यु से मुक्ति प्रदान करने का माध्यम माना जाता है।
मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
यह मंत्र संस्कृत में है और इसका अर्थ है - 'हम वह त्रिदेव (भगवान शिव) को पूजते हैं, जिनकी सुगंधित सुंदरता तथा पुष्टि सभी के लिए हो। हम उस बंधन से मुक्त हों, जैसे कि कच्ची डंके से बंधे गए तिल का आपत्तिजनक होने पर वह खुदाई से उतर जाता है। हे मृत्यु! हमें तुझ से मुक्ति प्राप्त करवा दो और हमें अमरता प्रदान करो।'
महामृत्युंजय जाप के फायदे:
रोगों से मुक्ति: महामृत्युंजय जाप व्यक्ति को भौतिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। यह जाप शरीर की ऊर्जा को बढ़ाकर उसकी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देता है।
मानसिक शांति: महामृत्युंजय जाप करने से मानसिक तनाव कम होता है और मन की शांति मिलती है। यह ध्यान की स्थिति में प्रवेश करने में मदद करता है और मन को स्थिरता प्रदान करता है।
लंबी आयु: महामृत्युंजय जाप का नियमित अभ्यास करने से व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती है और वह स्वस्थ रहता है।
शिव की कृपा: यह मंत्र भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने का माध्यम होता है और व्यक्ति को उनके आशीर्वाद से आयुष्य के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
प्राण शक्ति की वृद्धि: महामृत्युंजय जाप करने से व्यक्ति की प्राण शक्ति में वृद्धि होती है और उसकी शारीरिक तथा मानसिक क्षमता में सुधार होता है।
महामृत्युंजय जाप अपनी आध्यात्मिक और शारीरिक सेहत को सुरक्षित रखने का एक प्रमुख तरीका है। यह जाप नियमित और सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए ताकि इसके सभी फायदे प्राप्त किए जा सकें।
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