संतान प्राप्ति के लिए नवरात्रि के पांचवें दिन करें स्‍कंदमाता की पूजा, इन चमत्कारी मंत्रों का करें जाप

Skandamata Mantra: नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा करने से मां संतानहीन को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं। इस दिन माता को पिले रंग का भोग लगाना चाहिए।
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नई दिल्ली रफ्तार डेस्क।13 April 2024। नवरात्रि के 5वें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है। यह पूजा महिलाओं को जरूर करनी चाहिए क्‍योंकि इससे न केवल सौभाग्‍य की प्राप्‍ती होती है बल्कि आपको संतान सुख भी मिलता है। क्योंकि मां स्कंदमाता वीर योद्धा कार्तिकेय (स्कंद) की माता हैं और इस दिन का पूजन उनकी कृपा को आपके जीवन में बनाए रखने का अवसर प्रदान करता है।

स्‍कंदमाता का स्वरूप

स्‍कंदमाता देवी पार्वती का स्‍वरूप हैं और महादेव की पत्‍नी होने के कारण उन्‍हें महेश्‍वरी के नाम से भी जाना जाता है। माता स्कंदमाता, पंचम देवी, नवरूपों में से एक हैं और उनकी पूजा नवरात्रि के पाँचवें दिन की जाती है। मां अपने इस रूप में भक्तों को साहस, बल, और उत्साह का सामर्थ्य प्रदान करती हैं।

पूजा विधि

स्कंदमाता की पूजा में उन्हें शीतल रंग, चंदन और कमल की माला से प्रस्तुत किया जाता है। नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर पूजा के दौरान हाथ में लाल पुष्प लेकर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें। मताा की पूजा में उन्हें अक्षत, बताशा, पान, सुपारी, लौंग धूप, लाल फूल आदि अर्पित करें। माता केले का भोग लगाएं और पूजा के अंत में माता की आरती करें और उनके ॐ देवी स्कंदमातायै नमः मंत्र का भी जाप करें।

स्‍कंदमाता का भोग

स्‍कंदमाता को पीले रंग की वस्‍तुएं सबसे प्रिय हैं। इसलिए उनके भोग में पीले फल जैसे केला या फिर केले से बनी हुई चीजों का भोग लगाए इसके साथ ही आप पीली मिठाई अर्पित कर सकते हैं। आप इस दिन केसर की खीर का भोग भी मां के लिए बना सकते हैं।

इन मंत्रों का करें जाप

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

ॐ देवी स्कंदमातायै नमः

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