नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। 28 March 2024। इस बार भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी गुरूवार के दिन पड़ी है। ऐसे में इस दिन आप गणेश भगवान के साथ ही विष्णु भगवान की भी पूजा-अर्चना और उनके मंत्रों का जाप करें। आपको दोनों ही देवों की पूजा का फल मिलेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। आज के दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। शास्त्रों के अनुसार, चतुर्थी तिथि के दिन चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है। इस बार यह चतुर्थी 28 मार्च को पड़ेगी। इस दिन गुरुवार है इसलिए आप इस दिन गणेश भगवान के साथ विष्णु भगवान के इन चमत्कारी मंत्रों का भी जाप करें।
॥ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
'ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।'
इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः'
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
ॐ नमो नारायणाय ।
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।
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