नई दिल्ली,रफ्तार डेस्क। 1 May 2024। बुधवार को आप गणेश भगवान की पूजा अर्चना विधि पूर्वक करें। ऐसा करने से भगवान आपके सारे कष्ट हर लेते हैं। गणेश भगवान का दूसरा नाम विघ्नहर्ता भी कहलाता है। इसीलिए इनकी पूजा अर्चना में कोई कमी नहीं रखना चाहिए। लेकिन ये ध्यान रहे की पूजा करते समय उनके मंत्रों का अवश्य जाप करें। क्योंकि मंत्र से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं।
भगवान की पूजा करने के लिए आप सुबह प्रातः काल उठे और स्नान करके भगवान की मंदिर के पास एक चौकी रखें। उसे पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान की मूर्ति की स्थापना करें। अगर आपके घर के मंदिर में भगवान पहले से ही है तो आप वही पर उनकी पूजा कर सकते हैं। पूजा करने के लिए आप अच्छा हल्दी दुर्वा का उपयोग करें और भगवान को भोग में बेसन अथवा मोदक के लड्डू चढ़ाएं।
किसी भी शादी विवाह के कार्यक्रम या मांगलिक कार्यों को करने से पहले भगवान श्री गणेश को याद करना शुभ माना जाता है।साथ ही इस दिन अपने घरों में भगवान श्री गणेश की पूजा करने, उनकी प्रतिमा स्थापित करने से घर में खुशहाली बनी रहती है और जीवन में शांति बने रहने का आशीर्वाद मिलता है। मान्यता हैं कि गणेश चतुर्थी के दिन व्रत रखने से या घर में भगवान गणपति की स्थापना करने से उस घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ वे अपने भक्तों के सारे कष्ट- विघ्न संकट दूर कर देते है।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गण्पत्ये वर वरदे नमः
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात”
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।'
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
अन्य ख़बरों के लिए क्लिक करें - www.raftaar.in
डिसक्लेमर
इस लेख में प्रस्तुत किया गया अंश किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की पूरी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता। यह जानकारियां विभिन्न स्रोतों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/प्रामाणिकताओं/धार्मिक प्रतिष्ठानों/धर्मग्रंथों से संग्रहित की गई हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य सिर्फ सूचना प्रस्तुत करना है, और उपयोगकर्ता को इसे सूचना के रूप में ही समझना चाहिए। इसके अतिरिक्त, इसका कोई भी उपयोग करने की जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता की होगी।