Raftaar Desk - K1
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और ये महीना शुरू हो चुका है। इस महीने में बाबा भोले को क्या-क्या चढ़ता जाता है
जल: विष की ऊष्णता को शांत करने के लिए और शिव को शीतलता प्रदान करने के लिए समस्त देवी-देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया। इसलिए शिव जी की पूजा में जल का विशेष महत्व है।
आंकड़ा: शास्त्रों के मुताबिक शिव पूजा में कुछ आंकड़े के फूल चढ़ाना सोने के दान के बराबर फल देता है।
बेलपत्र: भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक है बेलपत्र। अत: तीन पत्तियों वाला बेलपत्र शिव जी को बहुत प्रिय है। भोले बाबा के पूजन में अभिषेक व बेलपत्र का प्रथम स्थान है।
धतूरा: भोले बाबा को धतूरा भी अत्यंत प्रिय है। इसके पीछे पुराणों मे जहां धार्मिक कारण भी बताया गया है।
भांग : भोले बाबा हमेशा ध्यानमग्न रहते हैं। भांग ध्यान केंद्रित करने में बहुत मददगार भी होती है। इससे वे हमेशा परमानंद में भी रहते हैं।
दूध : श्रावण के महीने में दूध का सेवन निषेध है। दूध इस मास में स्वास्थ्य के लिए गुणकारी के बजाय हानिकारक हो जाता है।इसीलिए सावन के महीने में दूध का सेवन न करते हुए उसे भोले बाबा को अर्पित करने का विधान बनाया गया है।
रुद्राक्ष: भोले बाबा ने रुद्राक्ष उत्पत्ति की कथा पार्वती जी से कही है। एक समय भोले बाबा ने एक हजार वर्ष तक समाधि लगाई। तभी उनके नेत्र से जल के बिंदु पृथ्वी पर गिरे। उन्ही से रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए थी और वे भोले बाबा की इच्छा से भक्तों के हित के लिए समग्र देश में फैल गए थे।