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Chandrayaan-3: PAK से लेकर अमेरिका, जापान से लेकर Russia तक रही भारतीय चंद्रयान-3 की धूम, देखें किसने क्या कहा

नई दिल्ली, (संतोष मिश्रा)। भारत ने अपना बहुप्रतीक्षित चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को बुधवार शाम 6.04 बजे चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने में सफल रहा है। इस मिशन के कामयाब होने पर पूरे देश में खुशी की लहर है। इस मिशन के सफल होने पर इसरो को देश भर से बधाई के संदेश मिल रहे हैं। देश के साथ विदेश की भी मीडिया ने भी भारत के चंद्र मिशन की चर्चा जोरो पर रहीं। कभी हमारा मजाक बनाने वाले हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी भारत के ISRO की जीत का लोहा माना है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार dawn ने अपनी हेडलाईन में लिखा भारत चांद के साउथ पोल पर जाने वाला पहला देश बना। हम यहां अपको कुछ प्रमुख समाचार पत्र आपको दिखाने जा रहें है।

DAWN NEWS

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार dawn ने अपनी हेडलाईन में लिखा भारत चांद के साउथ पोल पर जाने वाला पहला देश बना।

ALJAZEERA

'अलजजीरा' ने लिखा- "भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारा, ऐसा करने वाला यह पहला देश बन गया। अखबार लिखता है, "वैज्ञानिकों का मानना है कि दक्षिणी ध्रुव के अज्ञात क्षेत्र में जमे हुए पानी और कीमती तत्वों के महत्वपूर्ण भंडार हो सकते हैं।

न्यूयॉर्क टाइम्स

'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने शीर्षक लिखा- "चंद्रमा पर लैंडिंग की दौड़, भारत दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र पर उतरने में पहले स्थान पर।" अखबार लिखता है, "भारत से विक्रम नाम का एक लैंडर और प्रज्ञान नाम का एक रोवर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरे। चंद्रयान -3 नामक एक मिशन भारत को चंद्रमा की सतह के इस हिस्से तक पहुंचने वाला पहला देश बनाते है। वह चंद्रमा पर उतरने वाला केवल चौथा देश है।"

द गार्डियन

'द गार्डियन' ने अपनी खबर में लिखा- "भारत एक ऐतिहासिक क्षण में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास एक अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक उतारने वाला पहला देश बन गया है, जिसने देशभर में लोगों में खुशी का माहौल पैदा कर दिया। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार निजी अंतरिक्ष लॉन्च और संबंधित उपग्रह पर आधारित व्यवसायों में निवेश को बढ़ावा देना चाहती है।"

बीबीसी

'बीबीसी' ने अपने शीर्षक में लिखा- 'चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।' इसने लिखा, "जब 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की गई थी, तो इसका प्राथमिक लक्ष्य काफी सरल था - तूफानों की भविष्यवाणी करने, बाढ़ को कम करने और देश में दूरसंचार को मजबूत करने के लिए उपग्रहों को डिजाइन और लॉन्च करना।

ले मोंदे

फ्रांस के प्रमुख समाचार पत्र 'ले मोंदे' ने अपना शीर्षक लिखा- "चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बना भारत।' अखबार लिखता है कि रोवर के साथ एक लैंडर स्थानीय समयानुसार छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे दक्षिण भारतीय शहर बेंगलुरु में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के बीच खुशी और तालियां बजीं।

CNN

'सीएनएन' ने अपना शीर्षक लिखा- 'चांद पर अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना भारत।' इसने लिखा- "भारत ने चंद्रमा पर अपना चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान उतार दिया है, इस तरह की उपलब्धि हासिल करने वाला केवल चौथा देश बन गया है।

वॉशिंगटन पोस्ट

'वॉशिंगटन पोस्ट' ने अपने शीर्षक में लिखा- "भारत ने चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यान को धीरे से उतारा।" अखबार ने लिखा- "भारत ने बुधवार को चंद्रमा पर एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान उतारा। यह एक उपलब्धि है जो एक रूसी यान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ दिनों बाद आई है।