Gyanvapi Case
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वाराणसी

Gyanvapi Case: व्यास जी तहखाने में पूजा पाठ शुरू होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच हुई जुमे की नमाज

वाराणसी, (हि.स.)। जिला न्यायालय के आदेश पर ज्ञानवापी के दक्षिणी हिस्से में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ शुरू होने के बाद शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी व शहर के अन्य मस्जिदों में नमाज पढ़ी गई। जुमे की नमाज से पहले ज्ञानवापी में भारी पुलिसबल की तैनाती की गई थी। अफसर फोर्स के साथ ज्ञानवापी और आसपास की गलियों में लगातार गश्त करते रहे। पूरे जिले के मस्जिदों, इबादतगाहों पर फोर्स तैनात रही। अफसरों ने खुद सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाली।

अफसर फोर्स के साथ ज्ञानवापी और आसपास की गलियों में लगातार गश्त करते रहे।

जुमे की नमाज के पूर्व ज्ञानवापी पहुंचे पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन ने मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान बताया कि नगर के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है। ज्ञानवापी में नमाजियों की भीड़ को देखते हुए ज्ञानवापी के गेट-4 से आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी गई। ज्ञानवापी के आसपास पुलिस की जबरदस्त नाकेबंदी भी दिख्री। एक बजे के बाद होने वाली नमाज के लिए दोपहर साढ़े 12 बजे से ही नमाजियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया।

अजान के बाद जुमे की नमाज अदा की गई

अजान के बाद जुमे की नमाज अदा की गई। शहर के नदेसर स्थित जामा मस्जिद में भी नमाज पढ़ने के लिए भारी भीड़ जुटी रही। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच एसीपी विदुष सक्सेना के नेतृत्व में पुलिस फोर्स नमाज के सकुशल सम्पन्न होने तक डटी रही। गौरतलब हो कि ज्ञानवापी मामले को देखते हुए जुमे की नमाज के लिए वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में अलर्ट रहा।

सोशल मीडिया पर भी विशेष निगरानी रही

प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर अफसर नमाज के पहले ही फोर्स के साथ मस्जिदों और इबादतगाहों पर चौकस दिखे। सोशल मीडिया पर भी विशेष निगरानी रही। उधर,व्यास जी के तहखाने में पूजापाठ शुरू होने से नाराज मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरूओं के दुकानें बंद रखने की घोषणा पर बंदी को देख जिला प्रशासन पहले से ही सतर्क है।

1993 से पहले वहां पूजा-पाठ होने की बातें गलत है

ज्ञानवापी मस्जिद के इमाम और मुफ्ती-ए-बनारस अब्दुल बातिन नोमानी के कहा कि अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए मुस्लिम समाज ने कारोबार बंद रखा है। बंदी पूरी तरह शांतिपूर्ण है। इमाम ने वहां पूजा का अधिकार मांगने वाले व्यासजी के परिवार के दावे पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि 1993 से पहले वहां पूजा-पाठ होने की बातें गलत है। उन्होंने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान नहीं देने की अपील की है।

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