DK Shiv kumar
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कर्नाटक

कर्नाटक कांग्रेस को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर, डिप्टी सीएम ने खुद पोलिंग एजेंट के रूप में संभाली कमान

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। कर्नाटक में कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर अलर्ट मोड में आ गयी है। पार्टी को हर एक वोट की कीमत पता है, इसलिए वह अपना एक भी वोट क्रॉस वोटिंग में खोना नहीं चाहती है। इसके लिए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पोलिंग एजेंट के रूप में कमान संभाल ली है, ताकि किसी भी तरह से सीटों को लेकर कोई मात न मिलें।

कर्नाटक की 4 सीटों के लिए मतदान जारी

कर्नाटक की 4 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान शुरू है। चार सीटों में से वर्तमान उठा-पटक के बीच कांग्रेस के पक्ष में 3 सीट साफ नजर आ रही है। वहीं, भाजपा और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के गठबंधन ने दो कैंडिडेट इस चुनाव में उतारकर एक सीट पर बड़ा पेच फंसा दिया है, जहां भाजपा और जनता दल सेक्युलर अपने दोनों कैंडिडेट की जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का डर सत्ता रहा है, इसलिए कर्नाटक के डिप्टी सीएम को खुद क्रॉस वोटिंग से अपनी पार्टी को बचाने के लिए पोलिंग एजेंट के रूप में कमान संभालनी पड़ी है।

विधायकों को प्रलोभन देने का लगा चुके हैं आरोप

कर्नाटक के मौजूदा डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कुछ समय पहले ही बीजेपी-जेडीएस के गठबंधन पर आरोप लगाया था कि वे कांग्रेस विधायकों को प्रलोभन दे रहे हैं। आज राज्यसभा चुनाव के दिन भी कर्नाटक के डिप्टी सीएम को क्रॉस वोटिंग का डर सत्ता रहा है, इसलिए उन्होंने इससे बचने के लिए पोलिंग एजेंट के रूप में कमान संभाली हुई है। उनका उठाया गया यह कदम, उनकी पार्टी में क्रॉस वोटिंग को रोकने और अगर कोई क्रॉस वोटिंग करता है भी तो उन्हें पता लग जाये इसलिए किया गया है।

कांग्रेस के पास 139 वोट

कर्नाटक की हर एक सीट पर जीत हासिल करने के लिए प्राथमिकता के अनुरूप 45 वोट चाहिए होंगे। जहां कांग्रेस के पास 136 विधायक है, वहीं कांग्रेस के साथ 2 निर्दलीयों समेत 3 विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। जिससे कांग्रेस के पास प्राथमिकता के अनुसार 139 वोट मौजूद हैं। कांग्रेस को अपने 3 उम्मीदवारों की जीत पक्की करने के लिए 135 वोटो की जरुरत है। वहीं विपक्षी दलों भाजपा और जेडीएस गठबंधन को अपने दोनों कैंडिडेट की जीत पक्की करने के लिए प्राथमिकता के अनुसार 90 वोटों की जरूरत होगी।

भाजपा-जेडीएस गठबंधन के पास 85 विधायक

भाजपा-जेडीएस गठबंधन के पास 85 विधायक हैं जो कि मान्य संख्या से 5 कम है। इसी को लेकर कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग की चिंता सताने लगी है। जिसके लिए कांग्रेस ने एक दिन पहले रात को अपने विधायकों की मॉक वोटिंग करा करके उन्हें वोटिंग की ट्रेनिंग दी थी। कांग्रेस किसी भी हाल में अपना एक भी वोट क्रॉस वोटिंग में खोने नहीं देना चाहती है।

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