Narendra Modi
Narendra Modi raftaar.in
अहमदाबाद

लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा की आक्रमक रणनीति से विपक्ष में भगदड़, विधायक इस्तीफा देकर BJP में हो रहे शामिल

अहमदाबाद, (हि.स.)। लोकसभा चुनाव में मिशन 370 के लक्ष्य को भेदने के लिए गुजरात प्रदेश भाजपा ने आक्रमक रणनीति बनाई है। पार्टी ने जहां तीसरी बार सभी 26 सीटों पर केसरिया लहराने का संकल्प किया है, वहीं सभी सीटों पर मार्जिन भी 5 लाख से अधिक मतों का रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा ने छह महीने से आक्रामक रवैया अख्तियार कर लिया है।

दूसरी पार्टी के पदाधिकारियों तक को केसरिया रंग में रंगने का अभियान चला रखा है

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल के नेतृत्व में धुआंधार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें पार्टी किसी भी दल के तहसील पंचायत से लेकर जिला परिषद तक के चुनाव लड़े नेताओं से लेकर पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और दूसरी पार्टी के पदाधिकारियों तक को केसरिया रंग में रंगने का अभियान चला रखा है। इसके साथ ही पार्टी ने समाज में अपना प्रभुत्व रखने वाले की-वोटर्स समेत के अग्रणी लोगों को साधने की मुहिम चलाई है, जिसका व्यापक असर दिख रहा है।

गुजरात विधानसभा के विधायकों की संख्या भी 182 से घटकर 176 हो गई है

भाजपा ने अपने स्लोगन सबका साथ, सबका विकास का असली चेहरा गुजरात में दिखाया है। पार्टी किसी दल के नेता को नि:संकोच अपने साथ लेकर उनके जनाधार को भी हासिल करने में जुटी है। लोकसभा चुनाव के समीप आने के साथ गुजरात विधानसभा के विधायकों की संख्या भी 182 से घटकर 176 हो गई है। वर्ष 2022 में एक और 5 दिसंबर को दो चरणों में 15वीं गुजरात विधानसभा के लिए चुनाव हुए थे। इस चुनाव में भाजपा ने जहां सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 156 सीटें हासिल की थीं, वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं। आम आदमी पार्टी शानदार प्रदर्शन करते हुए 5 सीट पर जीतने में सफल हुई थी। समाजवादी पार्टी के कांधल जाडेजा भी जीतकर सपा को एक सीट दिलाने में सफल हुए थे। चार अन्य निर्दलीय ने भी चुनाव में बाजी मारी थी लेकिन भाजपा के लोकसभा मिशन के कारण कांग्रेस के विधायक घटकर 13, आआपा के 4 और निर्दलीय 2 बचे हैं।

ये सभी नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं

विधानसभा चुनाव में इस प्रचंड जीत के बाद भी गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल को सभी 182 सीट नहीं जीत पाने का अफसोस था। उन्होंने इसकी वजह से सार्वजनिक कार्यक्रमों में हार नहीं पहनने संकल्प किया था। हालांकि पिछले कुछ महीनों में भाजपा की रणनीति के हिस्से के तहत बड़ी संख्या में दूसरे दलों के लोग केसरिया खेस धारण करने लगे। कांग्रेस की बात करें तो गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 4 विधायकों ने अब तक अपने पद से इस्तीफा दिया है। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता व पोरबंदर से विधायक अर्जुन मोढवाडिया भी शामिल हैं। अर्जुन मोढवाडिया गुजरात प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष समेत पार्टी की कई बड़ी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उनके पार्टी छोड़ने से आलाकमान भी सकते में आ गया। इनके अलावा माणावदर के विधायक अरविंद लाडाणी, विजापुर के कांग्रेस विधायक सी जे चावडा और खंभात के चिराग पटेल शामिल हैं। अमरेली में आहिर समाज के बड़े नेता अंबरीश डेर ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। डेर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष भी थे। ये सभी नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

लोकसभा चुनाव से पहले कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं

कांग्रेस के इन चार विधायकों के इस्तीफा देने से विधानसभा में कांग्रेस की संख्या 17 से घटकर 14 हो गई है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के जूनागढ़ जिले के विसावदर से जीते भूपत भायाणी ने भी इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। आआपा के गुजरात विधानसभा में 5 विधायक विसावदर से भूपत भयाण समेत बोटाद से उमेश मकवाणा, डेडियापाड़ा से चैतर वसावा, भावनगर के गरियाधार से सुधीर बधानी, जामजोधपुर से हेमंत खावा जीते थे। अब आआपा विधायकों की संख्या 4 रह गई है। इसी तरह 3 निर्दलीय विधायक भी जीते थे। वडोदरा जिले के वाघोडिया सीट से निर्दलीय जीते धर्मेन्द्र सिंह वाघेला ने भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया। वे भाजपा में शामिल होकर घर लौट गए। हालांकि अभी यह माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं, जिससे आंकड़ों में बदलाव संभव है।

खबरों के लिए क्लिक करें:- www.raftaar.in