Shatrughan Sinha, Shekhar Suman and Prakash Jha
Shatrughan Sinha, Shekhar Suman and Prakash Jha raftaar.in
बिहार

बिहार की राजनीति में फिल्मी सितारों की चमक पड़ी फीकी, चुनाव मैदान से गायब, पिछले दो दशकों में पहली बार हुआ ऐसा

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। बिहार में जहां फिल्मी सितारे लोकसभा चुनाव के मैदान में खड़े दिखाई देते थे। वो आपकी बार बिहार के आम चुनाव के मैदान से गायब हैं। बिहार में पिछले 20-25 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। बॉलीवुड के स्टार शत्रुघ्न सिन्हा को पिछली बार पटना साहिब से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद वह ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए और आसनसोल से उपचुनाव जीतकर सांसद बन गए।

इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए

शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा पटना साहिब से शेखर सुमन, कुणाल सिंह और प्रकाश झा ने भी चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई मगर उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2009 में भारतीय जनता पार्टी ने फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा को पटना साहिब से टिकट दिया था। कांग्रेस ने फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के सामने पटना के मूल निवासी और टेलीविजन के मशहूर सितारे शेखर सुमन को चुनाव मैदान में खड़ा किया। शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में भारी मतों से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस ने वर्ष 2014 में शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ भोजपुरी के सुपरस्टार कुणाल सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। इस चुनाव में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने प्रतिद्वंदी कुणाल सिंह को भारी मतों से हरा दिया था।

भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का टिकट काट दिया और उनकी जगह रविशंकर प्रसाद को लोकसभा चुनाव 2019 का टिकट दे दिया। जिसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ा। जिसमे उनकी भारी मतों से हार हुई। इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए और बंगाल से आसनसोल के उपचुनाव में जीत हासिल करके सांसद बन गए।

निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा

वहीं बिहार के मूल निवासी और राजनीति, अपहरण, गंगाजल जैसी सुपरहिट फिल्मों के निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा को तो लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने वर्ष 2004 लोकसभा चुनाव में बेतिया सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमे उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर RJD के रघुनाथ झा ने बाजी मार ली थी। इसके बाद प्रकाश झा ने पश्चिमी चंपारण सीट लोकसभा सीट से दो बार चुनाव लड़ा और फिर से हार का सामना किया। बता दें कि बेतिया सीट का नाम परिसीमन के बाद पश्चिमी चंपारण हो गया था। प्रकाश झा ने वर्ष 2009 का चुनाव रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा के टिकट से और वर्ष 2014 का चुनाव पश्चिमी चंपारण सीट से JDU पार्टी के टिकट से लड़ा था। जिसमे उनकी हार हुई थी।

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