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Startup to Unicorn: यूनिकॉर्न क्लब की दौड़ में 20 स्टार्टअप; ज्यादातर फिनटेक कंपनियां, आप भी इस सफलता की वजह

नई दिल्ली, रफ्तार। तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय स्टार्टअप दिनोंदिन तेजी से आगे बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में यूनिकॉर्न की संख्या 20 फीसदी तक बढ़ सकती है। भारत में बीते साल सिर्फ एडुटेक स्टार्टअप बायजूस को छोड़कर किसी और यूनिकॉर्न को झटका नहीं लगा था। वहीं, पिछले साल दुनियाभर में कई स्टार्टअप ने अपना यूनिकॉर्न यानी 1 अरब डॉलर वैल्यूएशन का टैग गंवा दिया था।

इन स्टार्टअप का बेहतरीन प्रदर्शन

करीब 20 कंपनियां तेजी से यूनिकॉर्न बनने की ओर कदम बढ़ा रही हैं। साल 2023 में फंडिंग विंटर समेत दूसरी समस्याओं के कारण सिर्फ जेप्टो और इनक्रेड ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो सके थे। इस कारोबारी साल में ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्म बुकमायशो, फिनटेक नवी,पेमेट, रिफाइन, क्लियर, इंड मनी, ज्यूपिटर, एग्रीटेक फर्म निंजाकार्ट, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बिज ऑन गो शामिल यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो सकते हैं।

60-93 करोड़ डॉलर की वैल्यूएशन

इन स्टार्टअप की वैल्यूएशन 60-93 करोड़ डॉलर के बीच है। दो कंपनियां फिनिशिंग लाइन पर हैं। ये कंपनियां- फिनटेक टर्टलमिंट और पेमेट हैं, जिनकी वैल्यूएशन 90 करोड़ डॉलर से अधिक है। यूनिकॉर्न क्लब में फिनटेक कंपनियों का दबदबा है। यहां तक कि यूनिकॉर्न में भी एक तिहाई फिनटेक हैं। इतना ही नहीं इस साल जिन स्टार्टअप के यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने की उम्मीद है, उनमें भी आधे फिनटेक हैं।

RBI की फिनटेक कंपनियों पर नजर

डिजिटल पेमेंट्स में आई तेजी से फिनटेक सेक्टर में जबरदस्त ग्रोथ है। हाल के वर्षों में भारत में लोग काफी अधिक डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। इस कारण फिनटेक स्टार्टअप की संख्या बढ़ रही है। साथ ही सरकार से मिल रही मदद भी फिनटेक को बढ़ावा दे रही है। ग्रांट थॉर्नटन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में फिनटेक को RBI के डिजिटल लोन की गाइडलाइन से बढ़ावा मिल रहा। इससे सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम तक जिन लोगों की पहुंच नहीं है, उनको वित्तीय समाधान देने के मौके भी फिनटेक की ग्रोथ में भूमिका निभा रहे हैं। विकासशील देशों में फिनटेक कंपनियों के डिजिटल इनोवेशन ने लोगों को पारंपरिक बैंकिंग से अलग हटकर वित्तीय लेन-देन ढेरों मौके उपलब्ध कराए हैं। यही कारण है कि सैलरी और मार्केटिंग खर्चों के बाद भी यूनिकॉर्न की आय की तेज ग्रोथ इनके सुनहरे भविष्य का मजबूत संकेत दे रही है।

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