नई दिल्ली, रफ्तार। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते दिनों पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर कार्रवाई। पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर रोक लगा दी गई। इसे लेकर मशहूर कारोबारी एवं डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म भारतपे के संस्थापक अश्नीर ग्रोवर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरबीआई की आलोचना की है। अश्नीन ग्रोवर ने कहा कि इससे यह संदेश जाता है कि बैंक ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। मगर, फिनटेक कंपनियों के साथ ऐसा नहीं है।
स्टार्टअप कानूनों को लेकर पहल नहीं
आरबीआई की कार्रवाई से निराश ग्रोवर ने कहा कि भारत में हम बड़े स्टार्टअप्स के लिए तैयार नहीं हैं। 10-12 साल में भारत में स्टार्टअप ऑर्गेनिक तरीके से उभरे हैं। सरकार में शामिल लोग स्टार्टअप संस्थापकों संग फोटो खिंचवाने को उत्सुक रहते हैं, लेकिन कानूनों के मामले में कदम नहीं उठाया गया है। आरबीआई में फैसले लेने वालों की उम्र 60 साल के आसपास रहती है। उनके पास बैंक को मैनेज करने का एक्सपीरियंस है, लेकिन 40 साल के कर्मियों में आरबीआई का भरोसा कम दिखता है।
पेटीएम नहीं होती तो भारत पे भी नहीं होता
ग्रोवर ने यह कहा कि भारत में 11 यूनिकॉर्न हैं। मगर, इनमें से किसी को अर्थव्यवस्था के लिए सिस्टमैटिक रूप से अहम नहीं माना जाता। ये स्टार्टअप देश की जीडीपी ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये भारत में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लेकर आए हैं और रोजगार के बहुत मौके सृजित किए हैं। अश्नीर ने कहा कि पेटीएम भारत की हर फिनटेक कंपनी को जन्म देने वाली कंपनी है। अगर, पेटीएम नहीं होती तो भारत पे भी नहीं होता।
पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस पाने वाला पहला स्टार्टअप पेटीएम ही
उन्होंने कहा भारतपे का संस्थापक मैं हूं, लेकिन हमारा अस्तित्व पेटीएम के कारण ही है। भारत में पेटीएम ने मनी फ्लो को बेहतर करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन करने की व्यवस्था पेश की थी। पेटीएम पर आरबीआई की कार्रवाई स्टार्टअप कम्युनिटी के लिए दुखद है। इसका लाइसेंस रद्द करने का फैसला बहुत गंभीर है। पेटीएम 5 साल पहले देश में पेमेंट्स बैंक का लाइसेंस पाने वाला पहला स्टार्टअप था।
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