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लोकसभा चुनाव 2024

ECI: जब्त पैसों और शराब का क्या करता है चुनाव आयोग? वर्ष 2024 में अब तक जब्त की इतनी धन राशि

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत का सबसे बड़ा पर्व लोकसभा चुनाव को माना जाता है। जैसे ही चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा कर देता है। वैसे ही सभी राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं तक अपने चुनावी मुद्दों को पहुंचाने की होड़ लग जाती है। यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन देश में कुछ ऐसे भी राजनेता होते हैं। जो पैसों और शराब का लालच देकर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते हैं। आम चुनाव के दौरान करोड़ो रूपए नकद पकडे जाते हैं। भारतीय चुनाव आयोग के अनुसार चुनाव के दौरान अगर अवैध तरीके से किसी के पास नकदी और शराब आदि नशीले पदार्थ मिलते हैं, तो पुलिस उसे जब्त कर लेती है।

भारतीय चुनाव आयोग द्वारा पकडे गए काले धन के ब्यौरे

अब बात करते हैं साल 2024 के लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद, भारतीय चुनाव आयोग द्वारा पकडे गए काले धन के ब्यौरे की। दरअसल चुनाव की घोषणा के बाद चुनाव आयोग काले धन पर की गयी कार्रवाई की सूचना सार्वजनिक कर देती है। भारतीय चुनाव आयोग ने इस बार पकड़े गए काले धन का ब्यौरा दिया है। चुनाव आयोग का यह ब्यौरा एक मार्च 2024 तक का है। चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने रोजाना 100 करोड़ रुपये के करीब पकड़े हैं। अगर एक मार्च तक पकडे गए कुल रकम की बात करें तो चुनाव आयोग ने 4650 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।

जब्त राशि को संबंधित जिले की ट्रेजरी में जमा करना होगा

दरअसल धनबल के माध्यम से चुनाव को प्रभावित करना जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत गैरकानूनी है। इस कानून के तहत अगर किसी दोषी व्यक्ति से 10 लाख से अधिक रुपये जब्त किए जाते हैं तो इस राशि को सम्बंधित जिले की ट्रेजरी में जमा करना होगा। इसके साथ ही चुनाव आयोग को इसकी सूचना इनकम टैक्स के नोडल अधिकारी को भी देनी होगी।

व्यक्ति का दावा सही पाए जाने पर उसके पैसों को वापस लौटाया जा सकता है

केंद्र सरकार ने मई 2019 में सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल करके साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जब्त किए गए नकदी की जानकारी साझा की थी। जिसके बाद जब्त की गई राशि में से 303 करोड़ रुपये लोगो को वापस लौटा दिए गए थे। उस समय 100 से अधिक केस में से केवल 3 ही केस में लोगों को दोषी ठहराया गया था। चुनाव आयोग द्वारा पकडे गए पैसों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाता है। अगर किसी व्यक्ति के पैसों को चुनाव के दौरान जब्त किया जाता है। अगर वह इंसान ईमानदार है तो वह अपने पैसों के लिए दावा कर सकता है। व्यक्ति का दावा सही पाए जाने पर उसके पैसों को वापस लौटाया जा सकता है। वहीं जब्त की गई शराब को चुनाव आयोग आबकारी विभाग को सौंप देती है। आबकारी विभाग इन शराब की बोतलों पर बुलडोजर चलाकर पूरी तरह नष्ट कर देता है।

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