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लोकसभा चुनाव 2024

Lok Sabha Poll: BSP ने यूपी लोकसभा सीटों की चौथी लिस्ट का किया ऐलान; यहां जानें किसको मिला दिल्ली जाने का टिकट

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। BSP सुप्रीमो मायावती ने आज आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तर प्रदेश से अपने उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की है। पार्टी इस बार अकेले चुनाव लड़ेगी। मायावती ने पहले ही किसी भी गठबंधन में शामिल न होने का ऐलान किया था। अब देखना ये है कि BSP के खाते में कितनी सीटें पड़ती हैं।

BSP ने इन्हें उतारा मैदान में

BSP ने आज़मगढ़ से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर को उम्मीदवार बनाया है। मायावती के नेतृत्व वाली पार्टी ने घोसी सीट से पूर्व BSP सांसद बालकृष्ण चौहान को भी मैदान में उतारा है। इससे पहले 3 अप्रैल को पार्टी ने 12 उम्मीदवारों के नाम जारी किया था। इस लिस्ट में पार्टी ने गाजियाबाद से नंद किशोर पुंडीर और लखनऊ से सरवर मलिक को मैदान में उतारा है।

यहां देखें चौथी सूची:

श्याम किशोर अवस्थी- धौरहा

मोहम्मद इरफ़ान- एटा

सच्चिदानंद पांडे- फैजाबाद

दयाशंकर मिश्र- बस्ती

जावेद सिमनानी- गोरखपुर

सत्येन्द्र कुमार मौर्य- चंदौली

धनेश्वर गौतम- राबर्ट्सगंज

केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्ष पर साधा निशाना

देश में 543 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव 19 अप्रैल से 7 चरणों में होंगे। लोकसभा के लिए वोटों की गिनती 4 जून को होगी। BJP ने बार-बार विश्वास जताया है कि वह उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें सुरक्षित कर लेगी। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाल ही में विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा था कि देश की राजनीति में 2047 तक अखिलेश यादव, राहुल गांधी, मायावती या किसी भी विपक्षी नेता के लिए कोई जगह नहीं होगी।

घोषणापत्र नहीं काम से लोगों का जीता विश्वास

11 अप्रैल को मायावती ने कहा कि "पार्टी चुनाव घोषणापत्र जारी नहीं करती, क्योंकि वह सिर्फ बयानबाजी में नहीं बल्कि काम करने में विश्वास रखती है। महाराष्ट्र के नागपुर में एक सार्वजनिक रैली के दौरान उन्होंने कहा- "हमारी पार्टी सिर्फ बयान देने के बजाय काम करके दिखाने में विश्वास करती है। इसलिए हम कभी चुनावी घोषणापत्र जारी नहीं करते। इस दृष्टिकोण का सबसे मजबूत सबूत उत्तर प्रदेश में हमारे ट्रैक रिकॉर्ड में निहित है, जहां हमने बिना कोई चुनावी घोषणा पत्र जारी किए चार बार सरकार बनाई। हमने केवल वादों पर भरोसा किए बिना उत्तर प्रदेश में बेहद गरीब, हाशिए पर रहने वाले और दलित समुदायों के कल्याण के लिए काम किया।''

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