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Budhwar Mantra : बुधवार के दिन होती है इस देवता की पूजा, जाने व्रत के नियम और मंत्र

नई दिल्ली,रफ़्तार डेस्क ,29 नवंबर 2023 : हिन्दू धर्म के अनुसार एक सप्ताह में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा होती हैं।और हर दिन का अपना एक महत्त्व है।सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है तो वहीं मंगलवार के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती है। हालांकि बहुत से ऐसे लोग हैं जो बुधवार को लेकर कंफ्यूज होते हैं। वह इस बात से अंजान हैं कि बुधवार के दिन किस देवता को पूजा जाता है। आप को बता दे , बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।

भगवान गणेश का एक विशेष स्थान है।

हम कोई भी पूजा पाठ करते है तो सबसे पहले गणेश भगवन का ही नाम लिया जाता है। माना जाता है कि अगर आप किसी भी कार्य की शुरुआत बिना भगवान गणेश का नाम लिए करते हैं तो वह कार्य सफल नहीं हो पाता है। इसी लिए गणेश भवन की पूजा का एक अलग ही महत्त्व है। अगर कोई व्यक्ति बुधवार के दिन भगवान गणेश का व्रत कर उनकी पूजा-अर्चना करता है तो गणपति बप्पा उस पर अपनी कृपा बरसाते हैं। इनका व्रत करने से कई कष्ट दूर हो जाते हैं और घर में हमेशा बरकत बनी रहती है।

आइए जानते हैं इस व्रत के नियम और मंत्र

ऐसा माना जाता है कि मंत्रोच्चारण से प्रसन्न होकर भगवान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

मंत्र

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

अर्थ = हे गणेश भगवान, आपका आभामंडल करोड़ों सूर्य के प्रकाश के समान है। मैं आपको नमन करता हूं। कृपया मेरे समस्त कार्य को सदा के लिए विघ्नमुक्त कर दें। विघ्नमुक्त वक्रतुंड मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि बाधाओं को दूर करने के लिए यह सबसे प्रभावी मंत्र है।

व्रत के नियम इस प्रकार है। बुधवार व्रत की कथा जरूर पढ़ें और आरती भी करें।

बुधवार के व्रत में हरे रंग के वस्त्र पहनें।

बुधवार के व्रत में नमक खाने से परहेज करें।

बुधवार के दिन गणेश जी को घी और गुड़ का भोग लगाएं और इसे गाय को खिलाएं। इस व्रत का सही से पालन करने से आप की सभी मनोकामनाएं पूरी होगी।

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