Vastu tips of Belpatra
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वास्तु शास्त्र

Vastu Tips: महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र से बदल जाएगा आपका भाग्य, जानिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र

नई दिल्ली रफ्तार डेस्क। 7 March 2024। महाशिवरात्रि का दिन बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन लोग भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना, व्रत आदि करते हैं। वहीं, वास्तु के अनुसार भगवान शिव से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बेलपत्र मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा में चढ़ाया जाता है।

बेलपत्र के अनोखे नियम

बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि चिकना हिस्सा नीचे की ओर, रूखा हिस्सा ऊपर की ओर रहे।

ऐसा माना जाता है, कि सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। इसके अलावा चतुर्थी, अष्टमी, नवम तिथि, प्रदेश व्रत, महाशिवरात्रि के दिन भी बेलपत्र को न तोड़ें।

बेलपत्र शिवजी को अतिप्रिय है और महाशिवरात्रि पर बेलपत्र चढ़ाने से आर्थिक तंगी व दरिद्रता दूर होती है। साथ हीसुहागिन महिलाएं शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाती हैं, तो उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

अगर आपकी कोई मनोकामना है, तो इसके लिए महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र पर चंदन से अपनी मनोकामना या फिर ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें।

अगर आप नियमित रूप से भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करते हो, तो भगवान अत्यंत प्रसन्न होते है। लेकिन महाशिवरात्रि पर इसका महत्व बढ़ जाता है क्योंकि भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है। बेलपत्र हमेशा चढ़ाने से एक दिन पहले ही तोड़ लेना चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार यदि आपको नया बेलपत्र नहीं मिला है, तो आप शिवालय में चढ़ाए गए बेलपत्र को धोकर दोबारा उपयोग में ले सकते हैं। इससे आपकी पूजा में कोई विघ्न नहीं आता है और आपकी पूजा सफल होती है।

आप गलती से भी बेलपत्र को जड़ से न तोड़े, न ही उसके पौधे को कोई नुकसान पहुंचाएं क्योंकि बेलपत्र और बेलपत्र के पेड़ में भगवान शिव की कृपा होती है।

जब भी आप बेलपत्र तोड़ें, तो बेलपत्र के सामने पेड़ को अवश्य प्रणाम करें और बेलपत्र तोड़ने के बाद भी ऐसा ही करें।

बेलपत्र का पौधा घर से उत्तर-पश्चिम दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। इस दिशा में बेलपत्र का पौधा लगाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

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