नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क| प्यार और अपनेपन का दूसरा नाम घर माना जाता है। जिसमें खुशियां होना काफी हद तक निर्भर माना जाता है। घर में अपनापन ना हो हो मकान बनने में काफी देर लग जाती है। बड़ी दिक्कत आने की वजह से घर की खुशियों में ग्रहण लगता है। माना जाता है कि अधिकतर समस्याओं के लिए हम ही जिम्मेदार है। हम अपनी सूझबूझ हर दिक्कत का हल ढूंढ सकते हैं। घर का घर की तरह होना जीवन को खुशहाल बनाता है। चाहे हम कही भी रहते हो लेकिन घर जैसा सुकून हमको कहीं नहीं मिल सकता है।
घर को घर तब बना सकते हैं, जब यहाँ पर रहने वाले लोग काफी खुश नजर आए। हालांकि तनाव रहना हमारे लिए दिक्कत बन सकता है। हम कुछ तरीकों को बताने वाले हैं, जिनको अपनाकर आप जीवन में खुशियां और सुकून पा सकते हैं।
पति और पत्नी का रिश्ता तब ठीक होता है, जब उसमें प्यार, विश्वास, सम्मान और एक-दूसरे की चिंता का भाव हो। ये सोचना गलत होता है कि मैं सारा काम करता हूं, तो ग्रहणी ही घर की जिम्मेदारी संभाले। इस तरह की सोच घर को दिक्कत में डाल सकती है। आप भले ही काम पर क्यों नहीं जाते हैं, लेकिन घर आकर पार्टनर की थोड़ी मदद करने से घर का माहौल बेहतर हो सकता है।
ये सच है कि बिजी शेड्यूल होने की वजह से घर में लोग परिवार वालों को टाइम नहीं दे पाते। ऐसा भी नहीं है कि आप फैमिली मेंबर्स के लिए खुशी के पल नहीं निकाल पा रहे हैं। टाइम की कमी के चलते फैमिली को बाहर नहीं ले जा पा रहे हैं। तो घर में ही उनको समय देना शुरु करें।
कुछ लोगों की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को मिक्स करने की आदत होती है। इस गलती की वजह से आप काम में मन नहीं लगा पाएंगे और इससे आपकी पर्सनल लाइफ प्रभावित होती है। ऐसा करने पर मानसिक स्वास्थ्य भी बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है। पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच में हमेशा एक लकीर होना जरुरी होता है।
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