Karwa Chauth 2023: करवा चौथ के दिन जरूर करें ये चीजें, शुभ फल देगा ये व्रत
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: कहते हैं सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार सुहागिन महिलाओं के लिए करवाचौथ ही होता है। करवाचौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है। इस दिन सुहागिन महिला निर्जला व्रत कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है। सनातन धर्म में करवाचौथ का बड़ा महत्व माना गया है। हर साल करवाचौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण चतुर्थी मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव, गणेश और कार्तिकेय एवं माता करवा की पूजा की जाती है इसके साथ ही इस दिन महीने का चंद्रमा को अर्घ्य देकर जल ग्रहण करती है। लेकिन अगर सुहागिन महिला करवाचौथ के दिन यह पांच काम करती है तो उसे शुभ फल प्राप्त होता है।
व्रत में पति से मांग में सिंदूर भरवाना
करवाचौथ के व्रत में पूजन के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। सुहागन में श्रृंगार में सबसे महत्वपूर्ण सिंदूर होता है। ऐसे में श्रृंगार के समय महिलाएं अपने पति से सिंदूर भरवाती है तो काफी शुभ माना जाता है। जिससे उनका दांपत्य जीवन सुखी रहेता है। और इससे पति की भी लंबी आयु बनी रहती है।
व्रत में पति से मांग में सिंदूर भरवाना
करवाचौथ के व्रत में पूजन के दौरान महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। सुहागन में श्रृंगार में सबसे महत्वपूर्ण सिंदूर होता है। ऐसे में श्रृंगार के समय महिलाएं अपने पति से सिंदूर भरवाती है तो काफी शुभ माना जाता है। जिससे उनका दांपत्य जीवन सुखी रहेता है। और इससे पति की भी लंबी आयु बनी रहती है।
व्रत में गाय का पूजन करें
हिंदू धर्म में गाय माता का विशेष स्थान और महत्व होता है। अगर आप करवाचौथ को गाय माता को बेसन के लड्डू पेड़े या फल इत्यादि खिलाते हैं। तो आपके रिश्ते में आने वाली समस्या दूर होगी। आपके रिश्ते में मधुरता आएगी।
लाल कलर का पहने जोड़ा
सुहागिन महिलाएं करवाचौथ में व्रत के दौरान शाम को पूजा करते समय लाल रंग का कपड़ा पहनना चाहिए। इसमें लहंगा, साड़ी आदि पहन सकती हैं। क्योंकि लाल रंग का कपड़ा पहनने का कारण है कि ये सुहाग की निशानी मानी जाती है। साथ ही प्रेम का प्रतीक माना जाता है।।याद रखें किसी दूसरी औरत का लहंगा और साड़ी ना पहने।
एकाग्र होकर सुने कथा
करवाचौथ के दिन जितना महत्व व्रत और पूजा करने का होता है। उतना ही महत्व करवाचौथ की कथा का भी होता है। इसलिए इस कथा को बड़े ही ध्यानपूर्वक से सुनना चाहिए।।कभी-कभी हम देखते हैं कि कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं। जो एकाग्रता से कथा नहीं सुनती , उनका मन और कहीं लगा होता है। ऐसे में शास्त्र में इसे गलत बताया गया है। साथ ही महिलाओं को एकाग्र होकर कथा सुनाई चाहिए। अन्यथा व्रत का लाभ नहीं मिलता।
शाम को गाएं माता के गीत
करवाचौथ के दिन पूजा करने के लिए हमारे आसपास की महिलाएं एक जगह इकट्ठा होकर व्रत रखती हैं। साथ ही व्रत की कथा भी सुनती हैं लेकिन इस दौरान जब तक चांद नहीं निकलता तो वो इंतजार करती है या फिर बातें करती है। ऐसे में सभी सुहागिन महिलाओं को खाली समय में भक्ति गीत गाने चाहिए। इसमें माता पार्वती या लक्ष्मी माता की गीत गा सकती हैं। ये शुभ भी माना जाता है और इसका फल भी प्राप्त होता है।