
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: हमारे बुजुर्गों की आत्मा को सही मायनों में शांति तब मिलती है। जब हम उन्हें पितृ पक्ष में श्रद्धा पूर्वक श्राद्ध करते हैं। इसलिए हिंदू धर्म में यह कहा गया है कि पितृ पक्ष के दिनों में पितरों का श्राद्ध और तर्पण करने के लिए काफी अच्छा रहता है। सनातन धर्म में गर्भधारण से लेकर मृत्योप्रांत के संस्कारों का वर्णन किया गया है। इन्हीं संस्कारों में से एक है पितृपक्ष। पितृपक्ष में श्राद्ध के दौरान पुरुष और महिलाओं के लिए नियम बनाए गए हैं। लेकिन खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए अलग और कड़े नियम बनाए गए हैं। जिनका पालन न करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। कहते हैं पितृपक्ष में पितरों के साथ प्रेत आत्माएं भी धरती पर आती हैं। जिनका प्रेग्नेंट महिलाओं पर और उनके होने वाले बच्चों पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाओं को पित्त पक्ष में विशेष सावधानी और नियम जरूर अपनाने चाहिए। तो चलिए जानते है ऐसे कौन से नियम है। जिसे हर गर्भवती महिला को पालन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं को पितृ पक्ष के दौरान मांसाहारी भोजन से बचना चाहिए। इससे पितरों की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा मां और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे पर नेगेटिव असर पड़ता है।
वैसे तो हमें हमारे धर्म और समाज में सिखाया गया है। किसी भी जीव और जंतु को प्रताड़ित और उस पर अत्याचार नहीं करना चाहिए किंतु इसके बावजूद भी बहुत सारे लोग ऐसा करते हैं। पितृपक्ष के दौरान कुत्ता गाय, कौवे आदि जीव जंतुओं को भोजन खिलाना शुभ होता है ऐसा माना जाता है कि पितरों व देवी देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में पितृपक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं को कुत्ता, गाय और कौवे आदि को मारने से बचना चाहिए। नहीं तो बुरे परिणाम झेलना पड़ सकता है ऐसे में इस दौरान अगर घर पर इनमें से कोई पशु आए तो उसे रोटी जरूर खिलाएं।
पितृपक्ष के दौरान गर्भवती महिलाओं को श्मशान घाट जाने की गलती बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए कहा जाता है कि इस समय पूर्वज के साथ कई बुरी शक्तियां भी धरती पर आती हैं। ऐसे में उनकी छाया मां के गर्भ पर पलने वाले बच्चे पर गहरा और बुरा असर हो सकता है। अगर परिवार का कोई करीबी भी मर गया हो तो श्मशान घाट जाने से बचें।
वैसे तो हर किसी को अपने पूर्वजों को आदर सम्मान देना चाहिए। मगर श्राद्ध के दिनों में खास तौर पर गर्भवती महिलाओं को पितरों का अपमान करने की गलती बिल्कुल नहीं करनी चाहिए। ऐसी धार्मिक मान्यता के अनुसार इससे पूर्वज नाराज हो सकते हैं। ऐसे में आने वाली संतान को नुकसान हो सकता है। साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है और बीमारी का रोग भी लग सकता है।
पितृ पक्ष के दौरान ब्राह्मण और गरीबों का अपमान करने से बचना चाहिए। इससे पितरों और ब्राह्मण का श्राप मिलता है। जिससे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर ब्राह्मण और गरीब आपके दरवाजे पर आए हैं। तो उन्हें सकुशल अपने श्रद्धा अनुसार कुछ ना कोई भेंट कर दें। और भोजन भी कराएं।