
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: पीरियड के उन दिनों में लड़कियों के लिए हाइजीन को कंफर्ट रखना मुश्किल हो जाता है। वैसे तो मार्केट में टैंपूंस, मेंस्ट्रूअल कप आते हैं। लेकिन ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों पैड इस्तेमाल करना ही पसंद करती हैं। हालांकि पैड में आराम और हाइजीन का ध्यान रखना मुश्किल रहता है। क्योंकि इसमें हैवी फ्लो होने का खतरा रहता है। वहीं पैड को सही समय पर बदलना भी जरूरी होता है। अगर नहीं बदला जाए तो इन्फेक्शन की चांसेस बढ़ जाते हैं। इन सब समस्याओं को देखते हुए अब पीरियड पेंटीज आने लगी है। जिसे आप आराम से पहनकर हैवी फ्लो और दाग धब्बे लगने से बचा सकता है। आइए पीरियड पैंटीज से कुछ जुड़ी बातें आपको बताते हैं।
पीरियड पैंटी पीरियड के दौरान होने वाले स्त्राव से कपड़े खराब ना हो जाए इसलिए महिलाओं द्वारा बनाए जाने पहने जाने वाला एक विशेष प्रकार का अंडरवियर है। पीरियड के समय पहनने के दौरान महिलाएं इसमें काफी कंफर्टेबल फील करती हैं। और वह दाग धब्बे लगने के टेंशन से बची रहती हैं। इसलिए दुनियाभर की महिलाएं इसे बहुत पसंद कर रही है। पीरियड के समय पीरियड पैंटिज में ही महिलाएं पैड को भी लगा सकती हैं।
पीरियड पैंटीज सामान्य अंडरवियर की तरह ही होती है। यह री युजेबल होती है। इसलिए इससे बजट भी नहीं बिगड़ता। इन पेंटीज में माइक्रोफाइबर पॉलिएस्टर नाम का मटेरियल इस्तेमाल किया जाता है। जो पीरियड का ब्लड सोखता है । गीलेपन को सूखने की वजह से पेंटी ड्राई रहती है। और क्योंकि इन पेंटीज में तीन लेयर होती है। जिससे लीकेज की चिंता बिल्कुल नहीं रहती है।
इन अंडरवियर में तीन लेयर के प्रोटेक्शन होती है। जो पीरियड के ब्लड को अब्जॉर्ब कर गीलेपन को सोखता है। पीरियड के अलावा यह पैंटी पसीने को भी सोखती है। जिससे रैशेज नहीं होते। वहीं यह वेजाइनल डिसचार्ज में भी इस्तेमाल की जा सकती है।।मेनोपॉज से गुजर रही महिलाओं को अक्सर वक्त बे वक्त ब्लीडिंग हो सकती है। जिसे सॉफ्टिंग कहा जाता है। इस स्थिति में यह पैंटी महिला के काम आती है। डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को ब्लीडिंग होती है। जिससे पोस्टमार्टम ब्लीडिंग कहते हैं। तब भी इन्हें पहना जा सकता है। क्योंकि एक उम्र के बाद खासकर मेनोपॉज के बाद पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती है। जिससे यूरिन को सुखना मुश्किल हो जाता है और यूरिन कंट्रोल नहीं होता। इस समस्या से निजात पाने के लिए महिलाएं कपड़े अक्सर खराब हो जाते हैं। उन्हें डायपर लगाना पड़ता है। इस समस्या से बचने के लिए पीरियड पैंटीज उनके लिए एक बेस्ट ऑप्शन है। इस पैंटीज को पहनकर वह आराम से वर्कआउट भी कर सकती हैं।
* पीरियड पैंटीज दो टैंपोन के बराबर ब्लड को सोखती है। एक टैंपोन 5 मिलीलीटर ब्लड सोख सकता है। सैनिटरी पैड में भी लगभग इतना ही ब्लड एब्जॉर्ब होता है।
* यह पैंटी 4 से 6 घंटे तक पहनी जा सकती है लेकिन कई लोग इसे 6 से 7 घंटे तक पहनते हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करती है कि ब्लीडिंग और मेनोपॉज कितना हो रहा है।
* पीरियड पैंटीज को दोबारा धोकर भी पहना जा सकता है । इन्हें धोते हुए किसी तरह का फाइबर फैब्रिक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल न करें।
* इन्हें हमेशा माइल्स बिना खुशबू और ड्राई फ्री डिटर्जेंट या साबुन से ही धोएं। एक पीरियड पैंटीज 2 से 5 साल तक चल जाती है।