नकारात्मकता की ओर आकर्षित होना, उदास रहना, पसंदीदा कार्यों में रुचि खोना ये सब डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो आप इन्हें इग्नोर न करें।
अक्सर लोग डिप्रेशन को तनाव समझकर नजरअंदाज करते हैं। लेकिन इसकी सही समय पर पहचान और सही इलाज ज़रूरी है। इसका आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य और आपके काम पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पहले जाने डिप्रेशन के दौरान लक्षणों के बारे में
-डिप्रेशन में व्यक्ति तनावपूर्ण और उदास हो जाते हैं।
-उन सभी चीजों में रुची खोना भी एक खास लक्षण है।
-सांस फूलने और हार्ट बीट बढ़ने जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है।
-सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
-कम नींद आना भी डिप्रेशन का है लक्षण
-नकारात्मक ख्यालों से होगी परेशानी।
-इन बातों को ध्यान रखकर खुद को डिप्रेशन से बचा सकते हैं।
-रात को समय पर सोना है जरुरी।
कोई व्यक्ति डिप्रेशन से ग्रसित होता है तो उनके लिए नींद लेना काफी जरुरी है। क्योंकि आप रात को जगती हैं, तो दिमाग में 100 तरह की बात घूमने लगती हैं। समस्यायों को अचानक से ट्रिगर करने का काम करती हैं। ऐसी स्थिति में कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लें।
डिप्रेशन जैसी समस्या में काफी लोग आपकी मदद कर सकते हैं। आपको इसकी पहल खुद करनी होगी। आपकी भावनाओं और आपके दिमाग को आपसे ज्यादा बेहतर तरीके से कोई नहीं समझ पाते हैं। दिन का कम से कम 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करना जरुरी होता है।
प्रकृति के बीच समय बिताने से इंसान का मूड बूस्ट हो जाता है। वहीं सुबह या शाम किसी भी वक्त टहलने की आदत बनाएं, वहीं प्रकृति के बीच वॉक करने से डिप्रेशन के लक्षण दूर होने लगते हैं। यह मेंटल डिसऑर्डर जैसे अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा खुद को जितना हो सके उतना सक्रिय रखने का प्रयास करना चाहिए।
डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति अक्सर थकान, सुस्ती और आलस महसूस करना शुरु करते हैं। ऐसे में उन चीजों को करने की कोशिश करें जिसको आप पसंद करते हैं। ये आपके दिमाग को शांत रखे और आपको कुछ देर के लिए ही सही खुशी मिलेगी।
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