
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: करवाचौथ का त्योहार हमारे देश में सुहागिन स्त्रियां बड़ी ही धूमधाम से मनाती है। क्योंकि सुहागिन महिलाओं के लिए यह त्यौहार अधिक खास और स्पेशल होता है। इस दौरान सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति की लंबी आयु और सुखी दंपत्ति जीवन की प्रार्थना करती है। इस बार करवाचौथ का पर्व आगामी 1 नवंबर को मनाया जाएगा। करवाचौथ का व्रत पतियों से जुड़ा होता है। ऐसे में व्रत में महिलाएं 16 श्रृंगार तो करती है साथ ही वह कई रंग बिरंगी साड़ियां पहनना भी पसंद करती हैं। ऐसे में उन्हें करवाचौथ में कपड़े पहनने के दौरान बहुत सावधानी रखनी चाहिए क्योंकि कुछ ऐसे रंग होते है। जिन्हे अपशगुन माना जाता है। ऐसे में महिलाएं जान ले कि उन्हें करवाचौथ में किस रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए सफेद रंग पहनना अशुभ माना जाता है। इसलिए करवाचौथ पर शादीशुदा महिलाओं को सफेद रंग के कपड़े बिल्कुल भी नहीं पहनने चाहिए। इसके साथ ही इस दिन सफेद रंग की कोई चीज जैसे दूध, दही , चावल आदि वस्त्र का दान भी नहीं करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि करवाचौथ के दिन शादीशुदा महिलाओं को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। दरअसल यह रंग अशुभ और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है l। इसलिए हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य या पूजा पाठ करते समय काले रंग का उपयोग नहीं करना चाहिए। हालांकि मंगलसूत्र काजल का प्रयोग कर सकते हैं। ये नजर लगने से बचाता है।
करवाचौथ के दिन भूरे रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। क्योंकि यह रंग सैडनेस से भरा रंग माना जाता है। मतलब इसे पहनने वाला व्यष्टि हमेशा दुखी रहता है। इसलिए सुहागिन महिलाओं को करवाचौथ के दिन भूरे रंग कपड़े नहीं पहनने चाहिए।
आपको बता दे कि करवाचौथ के शुभ अवसर पर सुहागिन महिलाएं लाल रंग के कपड़े पहन सकती है। क्योंकि लाल रंग सुहाग का प्रतीक माना गया है। तो वहीं ऐसे में अगर सुहागिन स्त्रियां , महरून,हरे , पीला रंग की साड़ी पहनती है तो उनके लिए बहुत शुभ माना जाता है। वहीं इस रंग के कपड़ों में भगवान भी प्रसन्न होते है।