
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। एक औरत का सपना होता है कि उसकी शादी हो अपने पति और परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत करे। अपनी हर ख्वाहिशों को वह अपने पति के साथ पूरा करें। लेकिन शायद ही कोई ऐसी औरत होगी जिसे अपनी शादी के बाद कुछ बातों का मलाल ना रह गया हो। जहां एक तरफ शादी के बाद महिलाओं की पूरी जिंदगी बदल जाती है तो वहीं उन्हें कुछ बातों का पछतावा भी रह जाता है। खास तौर पर भारतीय महिलाओं के साथ यह अक्सर देखने को मिलता है। हालांकि इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि लव मैरिज में अफसोस नहीं होते है। शादी लव हो या अरेंज कई बातों का पछतावा और मालाल तो रहता ही रहता है। ज्यादातर महिलाएं शादी के बाद नए घर को जल्दी स्वीकार कर लेती है तो कुछ महिलाएं इसे स्वीकार नहीं कर पाती। ऐसे में उन्हें कोई दिक्कतों को सामना करना पड़ता है और उन्हें अपने जीवन में कुछ चीजों पछतावा का सामना भी करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं महिलाओं को किन बातों का पछतावा रहता है।
शादी होते ही औरतों पर बच्चा करने का दबाव ससुराल की तरफ से बनने लगता है। खासकर होने वाली सास इस तरह के दबाव ज्यादा देती है। भले इसके लिए औरत तैयार हो या ना हो। लेकिन उसे किसी ने किसी बहाने से इस बात को लेकर रोज सुनना ही पड़ता है। हर रोज जबरदस्ती किसी बात पर उसे महसूस होने लगता है की शादी ना की होती तो अच्छा रहता। काश खुलकर अपनी जिंदगी इंजॉय करती।
वैसे तो कभी भी बॉयफ्रेंड से तुलना अपने पति से नहीं करनी चाहिए। क्योंकि बॉयफ्रेंड कुछ दिनों का साथी होता है और पति जीवनभर का साथी। लेकिन कई बार शादी के बाद जब लड़की के सामने तमाम परेशानियां खड़ी हो जाती है तो उसे महसूस होता है कि उस समय अगर उनके साथ उसका बॉयफ्रेंड होता तो शायद चीज बेहतर होती जो उसके पति नहीं कर पा रहे। ऐसे ही कुछ बातों को लेकर लड़कियों को अपने फैसले पर अफसोस होता है।
शादी के बाद लड़कियों को बहुत सारे समझौते करने पड़ते हैं। उन्हें हर स्थिति में खुद को फिट रखने के लिए बहुत प्रयत्न करने पड़ते हैं लेकिन इन सब में कई बार वह बहुत इरिटेट फील करने लगती हैं। उन्हें खुद को बदलने को लेकर अफसोस होने लगता है। जिससे वह परेशान होकर शादी के निर्णय में पछतावा करती है।
हर किसी को अपनी लाइफ में पर्सनल स्पेस की जरूरत होती है। लेकिन अगर बात करें शादीशुदा महिलाओं की तो उनकी जिंदगी में ऐसे किसी शब्द की जगह नहीं होती। जब उन्हें अपनी चीजों को करने का मौका नहीं मिलता तब उन्हें अफसोस होता है। शादी के बाद तो जैसे उनकी कोई लाइफ ही नहीं रह जाती। उन्हें कोई पर्सनल स्पेस नहीं रहता।
रिश्ता तय होते वक्त लड़के के परिवार वाले लड़की को यह आश्वासन देते हैं कि तुम्हारे सपने पूरे करना अब हमारा अधिकार है। हम आपके सामने पूरे करेंगे लेकिन जैसे ही शादी होती है तो उसे घर की जिम्मेदारियां दे दी जाती है। और उसके सपनों को चकनाचूर कर दिया जाता है। जिससे महिला परेशान हो जाती है और वह खुद के सपने पूरी नहीं कर पाते और उससे शादी करने का पछतावा होता है।