नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क: घुमक्कड़ों के लिए सूरत एक खूबसूरत शहर है। जिसका नाम सौराष्ट्र से जुड़ा हुआ है। गुजरात का यह बंदरगाह शहर अपने शहर में कई खूबसूरत चीजें समेटे है। है। आपको बता दें कि सूरत गुजरात का दूसरा सबसे आबादी वाला शहर माना जाता है। जिसे फ्लाईओवर के रूप में भी जाना जाता है। इतना ही नहीं पूर्व में 1990 में इसे सूर्यपुर के नाम से भी जाना जाता था। जो कपड़ा और हीरे के लिए लोकप्रिय शहर है। लेकिन या शहर सिर्फ हीरे के कारोबारी के लिए प्रसिद्ध नहीं है बल्कि यहां सरदार वल्लभभाई पटेल और महात्मा गांधी से जुड़ी कुछ ऐसी यादें है। जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। साथ ही यहां कई प्राचीन मंदिर भी है। जहां भक्तों की भीड़ पूरे साल लगी रहती है तो चलिए जानते हैं ऐसी कौन सी जगह हैं।
चिंतामणि जैन मंदिर सूरत में रानी तालाब के पास है। इसलिए यह प्राचीन मंदिर है। जो देखने में काफी खूबसूरत लगता है। लगभग 400 साल पुराना यह जैन मंदिर जैन उपदेश आचार्य हेमचंद्र सोलंकी राजा और राजा कुमार पाल की वनस्पति के रंग के चित्र के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर्यटक बड़ी संख्या में आते है।
सूरत शहर में एक और खुबसूरत और शानदार मंदिर है जो लोगो की आस्था को स्वीकार करती है। तृप्ति नदी के तट पर स्थित अंबिका निकेतन मंदिर 1969 में मनाया गया था। मंदिर देवी अंबिका को समर्पित है। जो देवी अष्टभुजा अंबिका के रूप में है। अंबिका देवी मंदिर सूरत लोकप्रिय तीर्थ स्थल में से एक है।
दांडी महात्मा गांधी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने 1930 में अहमदाबाद से अपना मार्च शुरू किया और इसे दांडी में समाप्त किया था। गांधी जी ने हजारों लोगों को स्वास्सन के लिए काम करने का आवाहन किया और इसने देवव्यापी सविनय अवज्ञा आंदोलन को जन्म दिया। जिसने स्वतंत्रता आंदोलन की नींव रखी। दांडी आज एक समुद्र तट है। जहां से एक सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहां पर्यटक घूमने के लिए खूब आते हैं।
सरदार पटेल संग्रहालय की स्थापना 1890 में हुई थी। और इसे सरदार संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है। इसकी स्थापना के समय इस विंचेस्टर संग्रहालय के नाम से जाना जाता था । और आजादी के बाद इसका नाम बदलकर सरदार पटेल संग्रहालय कर दिया गया। यहां एक तारामंडल भी है। संग्रहालय प्राचीन ने अवशेष दिखता है। जो शहर के पिछले इतिहास को दर्शाता है।
हजीरा एक पुराना बंदरगाह है। और उसमें उथले पानी के साथ एक समूह अच्छा समुद्र तट भी है। जो इस वाटर गेम के लिए उपयुक्त बनाता है। हजारी सूरत से 30 किलोमीटर दूर है। 1 घंटे से भी कम समय पहुंचा जा सकता है। व्यस्त शहर की हलचल से आप दूर आप यहां शांति से आराम कर पाएंगे और गर्म झरनों में डुबकी लगा सकते हैं।