
नई दिल्ली रफ्तार डेस्क: भूटान हिमालय पर बसा हुआ दक्षिण एशिया का एक छोटा सा देश है। जो एशिया में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह देश चीन और भारत के बीच में स्थित है। सैलानियों के बीच भूटान अपनी प्राकृतिक सुंदरता को समेटे हुए हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह देश सैलानियों को कई रहस्यमई चीजों से रु बा रु कराता है। भारत के कई मिडिल क्लास फैमिली जब विदेश जाने के बारे में सोचते हैं तो अपनी जेब देखकर अपने मन को मार लेते हैं। लेकिन मन को मारने से पहले आपको एक बार भूटान के बारे में जरूर पढ़ लेना चाहिए। क्योंकि भूटान बहुत सस्ता देश है। जहां आप आसानी से घूम सकते है। आपको बता दें कि भारत और भूटान के बीच बहुत मधुर रिश्ते हैं। भूटान की हसीन वादियां आपका मनमोह लेंगी। भूटान में कई ऐसे खूबसूरत पर्यटक स्थल है। जहां घूमने के लिए बहुत सारी अच्छी चीजें है। अगर आप भूटान जाने का प्लान कर रहें है तो इन जगहों में जाना बिल्कुल मत भूलिए।
महान बुद्ध डोरडेन्मा शाक्यमुनि बुद्ध प्रतिमा स्थित है। जो विश्व में बुद्ध की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में से एक है। इस प्रतिमा की ऊंचाई करीब 169 फीट है ऐसा माना जाता है कि भूटान में बौद्ध धर्म को ज्यादा प्रावधान दिया गया है। और यहां पर आधे से ज्यादा लोग गौतम बुद्ध को ही मानते और पूजते है।
जाकर भूटान में स्थित एक आकर्षक जगहों में से एक है। जिसे ज़ख्मार नाम से भी जाना जाता है। यह जगह मुख्य रूप से एक व्यापारिक केंद्र के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह भले ही छोटा शहर है लेकिन यह भूटान का लिटिल स्विट्जरलैंड के नाम से विश्व भर में प्रसिद्ध है यहां पर कई प्रमुख धार्मिक केंद्र भी स्थित है। जैसे कि यह मठों से घिरा हुआ एक बेहद ही आकर्षक धार्मिक केंद्र है अगर आपको धार्मिक स्थलों को विजिट करना पसंद है तो आपको एक बार भूटान जरुर विजिट करना चाहिए।
बूमथांग चार खूबसूरत पहाड़ी घाटियों के बीच बसा हुआ एक घर है। यहां पर कई प्राचीन मठ और मंदिर स्थित है। बुमथांग भूटान में यात्रा करने के लिए सबसे अच्छी जगह में से एक है। जो अपने धर्म आध्यात्मिकता और इतिहास के लिए जाना जाता है कुर्जी और तमशिंग लखंग यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। आप यहां पहाड़ी पर ट्रैकिंग का भी मजा ले सकते हैं। यहां हर साल फरवरी में भूटानी खानाबदोश समारोह का आयोजन भी किया जाता है। जिसे देखने लिए आसपास के कई देशों के पर्यटक आते है।
भूटान की राजधानी थिंपू अपने पिटारे में बहुत खूबसूरत लम्हें और यादें समेटे है। यह शहर वांगछू नदी के किनारे समुद्र तल से 4200 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। शहर के केंद्र में चार समांतर सड़कें है। जहां मुख्य बाजार होटल, रेस्तरां, शासकीय कार्यालय स्टेडियम और खूबसूरत बगीचे इस और खास बनाते है इस शहर में बहुमंजली इमारतें एवं अपार्टमेंट काफी तादात में बने हुए हैं। इनका निर्माण भूटान की पारंपरिक स्थापत्य शैली के लिए जाना जाता है। जिससे शहर की पारंपरिक संस्कृति प सुरक्षित रहे। थिंपू में कई दर्शनीय स्थल भी हैं। जहां आप फैमिली के साथ लुफ्त उठा सकते हैं।
यह पूनाखा का ही नहीं बल्कि भूटान का सबसे बड़ा और प्रमुख बौद्ध मंदिर है। भूटान की दो प्रमुख नदियों पोछू एवं मूंछों है यहां बौद्ध मंदिर एवं मठ का निर्माण 1637 में शबदरूंग नागवंग द्वारा प्रशासकीय कार्यों के संपादन के लिए कराया गया था। इस बौद्ध मंदिर एवं मठ तक पर्यटक नदी पर पारंपरिक शैली में बने बेहद खूबसूरत पुल से होकर जाते हैं। यह पुल भी अपने आप में एक दर्शनीय वास्तुकला है।