Ayodhya में Ram Mandir के अलावा और क्या देखें? ये रहा पहुंचने, रुकने और खाने-पीने का पूरा प्लान

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों के रुकने के लिए खास व्यवस्था हुई है। इन पर्यटन स्थलों में विजिट कर शहर का आनंद ले सकते हैं।
Ayodhya Temple
Ayodhya Temple Pixabay

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क | अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों से चल रही है। कई लोग प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के उत्सुक हैं तो कई के फ्यूचर ट्रैवल प्लान्स में अयोध्या भी शामिल हो गया है। तो चलिए जानते हैं कि आप अयोध्या में राम मंदिर के अलावा और क्या-क्या देख सकते हैं, वहां रुकने की क्या व्यवस्था है और सबसे ज़रूरी बात वहां पहुंचें कैसे?

कैसे पहुंचें अयोध्या?

अयोध्या में आप फ्लाइट, ट्रेन और बाय रोड तीनों ही तरीकों से पहुंच सकते हैं। बीते दिनों अयोध्या के भव्य एयरपोर्ट का उद्घाटन किया गया था, वहीं अयोध्या से कई वंदे भारत और अमृत भारत ट्रेनें शुरू की गई हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार फ्लाइट, ट्रेन या सड़क मार्ग से अयोध्या पहुंच सकते हैं।

रुकने की ये होगी व्यवस्था

अयोध्या में आपको हर बजट का अकोमोडेशन मिल जाएगा। यहां 100 रुपया प्रति व्यक्ति की नॉमिनल फीस पर धर्मशाला मिल जाएगी। वहीं प्राइवेट होटल्स भी मौजूद हैं, जहां आप अपनी ज़रूरत और बजट के हिसाब से रूम चुन सकते हैं।

अयोध्या में इन दर्शनीय स्थलों का ले सकते हैं आनंद

अयोध्या को उसके धार्मिक एंव ऐतिहासिक महत्त्व के आधार पर डेवलप किया जा रहा है। अयोध्या में 5000 से भी ज्यादा मंदिर मौजूद हैं। आप एक रिक्शा करके इन मंदिरों में दर्शन कर सकते हैं।

हनुमान गढ़ी

भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी के मंदिर हनुमान गढ़ी पहुंच सकते हैं। ये हनुमान जी को समर्पित किया गया है। ये मंदिर हनुमान जी की भक्ति, श्रद्धा के अलावा इतिहास से जुड़ा हुआ है।

कनक भवन

कनक भवन की बात करें ये मन्दिर अयोध्या के प्रख्यात मंदिरों में शामिल है। जिसकी वजह से कनक मंदिर में हमेशा भक्तों की खूब भीड़ नजर आती है। ये मंदिर भगवान राम के तौर पर प्रतिष्ठित है। कनक भवन की बात करें तो माता कैकेयी ने सीता को मुंह दिखाई रस्म में उपहार के तौर पर दिया था।

सीता की रसोई है खास

अयोध्या में राम जन्मभूमि का उत्तर- पश्चिमी सीमा में स्थित सीता की रसोई के लिए दावा करते हैं ये ऐतिहासिक रसोई का इस्तेमाल देवी सीता करती थी। ये पवित्र स्थान अब मंदिर के तौर पर मशहूर है। जिसको राम जन्मभूमि के करीब बनाया गया है। यह सीता की रसोई एक भूमिगत रसोई के तौर पर जानी जाती है।

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