नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क| असम का कामाख्या मंदिर केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में काफी मशहूर है। यहां पर अब भारत और असम सरकार मिलकर इस मंदिर को भव्य रूप देने वाली है। यहां तक पहुंचना है तो रास्ते को सुगम बनाने बनाना आसान होता है। पीएम मोदी ने कामाख्या मंदिर काॅरिडोर का शिलान्यास कर दिया था। इसकी मदद से पूरे पूर्वोतर के पर्यटन क्षेत्र को आसानी से मदद मिलेगी। ऐसे में जान लेते हैं इस मंदिर में कब और कहां पहुंच सकते हैं। इसके अलावा जान लेते हैं एंट्री के बारे में विस्तार से।
कामाख्या मंदिर ये असम राज्य की राजधानी से केवल 13 किलोमीटर दूर है। असम के कामरुप जिले में गुवाहाटी शहर में मौजूद कामगिरी जिसको नीलांचल पर्वत के तौर पर जाना जाता है। इसको शक्तिपीठ का प्रमुख स्थान की सूची में शामिल है।
कामाख्या मंदिर जाना है तो आपको गुवाहाटी एयरपोर्ट जाना जरुरी है। इस एयरपोर्ट में केवल 20 किलोमीटर की दूरी पर होता है। यहां पर नई दिल्ली के लिए खूब सारी फ्लाइट आसानी से मिल जाती है। आपको मंदिर जाना है तो बस, आॅटो और टैक्सी ले सकते हैं। ट्रेन से कामाख्या जंक्शन भी आसानी से पहुंच सकते हैं। जहां से मंदिर जाना काफी आसान है। स्टेशन से मंदिर केवल 7 किलोमीटर दूर है।
कामाख्या मंदिर का दरवाजा हर महीने में 3 दिन बंद हो जाता है। साल में 22 से 26 जून तक कामाख्या मंदिर में अंबूवाची मेला लगाया जाता है। जो बहुत खास होता है। इस समय मां भी कामाख्या मासिक धर्म के तौर पर जाना जाता है। यहां देवी की मूर्ति नहीं बल्कि कुंड मौजूद है। इसको हमेशा फूलों से ढकने के बाद रखते हैं। लोग काफी दूर दूर से दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
कामाख्या मंदिर की एंट्री पीस आम लोगों के लिए ज्यादा नहीं है। यहां पर प्रवेश करने के लिए सामान्य शुल्क लगता है। इसमें वीआईपी दर्शन करना है तो 500 रूपये लगते हैं। दूसरी तरफ डिफेंस या फौज वालों के लिए 50 रूपये होते हैं। अगर आप यहां नहीं गए हैं तो कामाख्या देवी मंदिर एक बार जरुर पहुंचना चाहिए।
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