अगर आपको पेड़, पौधे, फूल पसंद हैं और आप प्रकृति प्रेमी हैं तो ऊटी का यह बोटानिकल गार्डन (Botanical Garden) आपके लिए ही है। इस उद्यान में हजारों की संख्या में विदेशी और देशी पौधों की प्रजातियां, झाड़ियाँ, फर्न, काग पेड़, हर्बल और बोन्साई पौधों की किस्में हैं। 55 एकड़ में फैले इस गार्डन में कई लॉन हैं जिनमें फूलदार पौधे, तालाबों में लिली के पौधे, इतालवी शैली के फूल व फर्न और कई औषधीय पेड़-पौधे मौजूद हैं।
गार्डन के छः मुख्य भाग हैं- लोअर गार्डन, न्यू गार्डन, इटैलियन गार्डन, कन्सर्वटॉरी जहाँ विलुप्त होती प्रजातियों को संरक्षित किया गया है, फाउंटेन टेरेस और नर्सरी। दूर-दूर तक नज़र आते हरे घास के मैदान, रंग-बिरंगे अलग-अलग प्रजाति के फूल-पौधे और साफ़-खुशबूदार हवा, अपनी यात्रा को रिलैक्सिंग मोड में डालने का इससे अच्छा जरिया और कोई नहीं मिलेगा, यहाँ आकर पता चलता है कि प्रकृति के कितने सुंदर रंग हैं जिनसे हम अभी तक अपरिचित थे।
सन् 1847 में बोटानिकल गार्डन का निर्माण विलियम ग्राहम द्वारा, जॉर्ज हेय की देखरेख में किया गया। जॉर्ज हेय तत्कालीन मद्रास गवर्नर थे जिन्हें मार्क्यूस ऑफ़ ट्वीडेल का ख़िताब प्राप्त था। विलियम ग्राहम को इस गार्डन को पूरा बनाने में करीब दस साल लगे।
इस उद्यान का मुख्य आकर्षण यहां स्थित 20 लाख साल पुराना जीवाश्म पेड़ का तना (Fossil Tree Trunk) है। इसके अलावा इस उद्यान में एक मंकी पज़ल ट्री (Monkey Puzzle Tree) नामक पेड़ है जिसपर स्वयं मंकी भी नहीं चढ़ सकते।