
नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। भारत में देवी- देवदताओं के प्रति लोगों की अति श्रद्धा रहती है। आपको बता दें कि लोग अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए हर मंदिर के दरवाजे खटखटाते हैं। मनोकमाना पूरी होने पर वे देवी-देवताओं को चढ़ावा भी चढ़ाते हैं। आज हम इस स्टोरी में ऐसा ही कुछ बताने जा रहे जहां मनोकामना पूरी होने के लिए भगवान को चिट्टी लिखी जाती है। आइए जानते है इसके बारे में..
उत्तराखंड में स्थित है ये मंदिर
भारत में कई रहस्यमयी मंदिर हैं, जिनकी श्रद्धालुओं में बेहद मान्यता है। इन मंदिरों में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। ऐसा ही एक मंदिर उत्तराखंड में भी स्थित है, जो पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर पत्र लिखते हैं। यह मंदिर अल्मोडा क्षेत्र में स्थित है। बता दें कि निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर में है और निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम में है।
दिल्ली से 400 किलोमीटर दूर है
दिल्ली से इस मंदिर की दूरी मात्र 400 किलोमीटर है। यह मंदिर अल्मोडा क्षेत्र में स्थित है। श्रद्धालु इस मंदिर में किसी भी समय दर्शन के लिए आ सकते हैं। इस मंदिर का नाम है ग्वेल देवता (गोलू देवता)। ग्वेल उत्तराखंड के लोक देवता हैं, जिन्हें न्याय का देवता भी कहा जाता है। जो लोग नाराज होते थे या उन्हें न्याय नहीं मिलता था वे इस मंदिर में पत्र लिखते हैं।
भक्त अपनी मनोकामना के लिए घंटियां चढ़ाते हैं
ग्वेल देवता का मंदिर उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध है। चितई ग्वाल देवता के इस मंदिर में भक्त अपनी मनोकामना के लिए घंटियां चढ़ाते हैं और पत्र लिखते हैं। ग्वेल देवता को शीघ्र न्याय प्रदान करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। स्थानीय जागरण में ग्वेल देवता को शिव और कृष्ण दोनों का अवतार माना जाता है। कोट-कचखरी को लेकर चिंतित श्रद्धालु भी यहां स्टाम्प पेपर पर अपने लिए न्याय मांगने आते हैं।
अल्मोड़ा से 8 किमी दूर पर है स्थित
चितई गोलू मंदिर अल्मोड़ा से 8 किमी दूर पिथोरागढ़ राजमार्ग पर स्थित है। मंदिर में स्थित मूर्ति में ग्वल देवता सफेद घोड़े पर विराजमान हैं और उनके सिर पर सफेद पगड़ी है। उनके हाथों में धनुष-बाण हैं। वैसे तो उत्तराखंड में कई ग्वाल देवता के मंदिर हैं, लेकिन चितई ग्वाल मंदिर उनमें से सबसे प्रसिद्ध है। इस मंदिर परिसर में आपको अनगिनत घंटियां देखने को मिलेंगी। यहां घंटियों के बजने से आस्थावानों की आत्मा को शांति और सुकून मिलता है।
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